Bihar News : मोतिहारी के आदर्श ने दुनिया में फहराया बिहार का परचम: जीता ₹90 लाख का 'ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज', जदयू नेता छोटू सिंह के साथ की CM नीतीश से मुलाकात
PATNA : बिहार के मोतिहारी के रहने वाले 18 वर्षीय आदर्श कुमार ने वैश्विक पटल पर इतिहास रच दिया है। आदर्श को वर्ष 2025 के प्रतिष्ठित 'Chegg.org Global Student Prize' से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार के तहत उन्हें 1 लाख डॉलर (करीब 88-90 लाख रुपये) की राशि प्रदान की गई है। इस बड़ी उपलब्धि के बाद आदर्श ने बिहार राज्य नागरिक परिषद के महासचिव अरविंद कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिष्टाचार भेंट की और शिक्षा व कौशल विकास के क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा किया।
148 देशों के 11,000 छात्रों को पछाड़कर हासिल किया मुकाम
लंदन में आयोजित एक भव्य समारोह में आदर्श को यह सम्मान दिया गया। चेग इंक संस्था द्वारा यह वार्षिक पुरस्कार दुनिया के उस असाधारण छात्र को दिया जाता है, जिसने शिक्षा और समाज पर वास्तविक प्रभाव डाला हो। इस वर्ष दुनिया भर के 148 देशों से लगभग 11,000 नामांकन प्राप्त हुए थे, जिनमें से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद आदर्श का चयन किया गया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान आदर्श ने राज्य में शिक्षा और महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे कार्यों की सराहना की।
मां ने झाड़ू-पोछा कर पाला, बचत से दिलाया पहला लैपटॉप
आदर्श की सफलता की कहानी अत्यंत प्रेरणादायक और संघर्षपूर्ण है। चंपारण में जन्मे आदर्श का पालन-पोषण उनकी मां ने अकेले किया है। बेटे की पढ़ाई के लिए उनकी मां ने दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछा तक किया। आदर्श के भीतर कोडिंग और स्टार्टअप की रुचि तब जागी, जब उनकी मां ने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी खर्च कर उन्हें एक लैपटॉप दिलाया। आठवीं कक्षा में ही उन्होंने अपना पहला उद्यम शुरू किया था, हालांकि शुरुआती असफलता के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।
₹1000 लेकर पहुंचे थे कोटा, लाइब्रेरी के वाई-फाई से बदली किस्मत
महज 14 साल की उम्र में आदर्श सिर्फ 1,000 रुपये लेकर आईआईटी-जेईई की कोचिंग की तलाश में कोटा चले गए थे। आर्थिक तंगी इतनी थी कि कोचिंग की फीस देना नामुमकिन था, लेकिन आदर्श ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने लाइब्रेरी के मुफ्त वाई-फाई का उपयोग कर लोगों को ईमेल भेजे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें न केवल सीखने का मौका मिला, बल्कि स्टार्टअप्स में इंटर्नशिप भी मिली। यहीं से उनकी उद्यमिता (Entrepreneurship) की यात्रा को एक नई दिशा मिली।
'स्किलजो' और 'मिशन बदलाव' से बदली हजारों वंचितों की जिंदगी
आदर्श ने अपनी प्रतिभा का उपयोग समाज सेवा में किया। उनके संगठन 'मिशन बदलाव' ने 1,300 परिवारों को आयुष्मान भारत, पेंशन और स्कूल नामांकन जैसी योजनाओं से जोड़ा। वहीं, उनके स्टार्टअप 'स्किलजो' (Skillzo) के माध्यम से 20,000 से अधिक वंचित छात्र उद्यमिता कौशल और मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान आदर्श ने ग्रामीण युवाओं और प्रथम-पीढ़ी के विद्यार्थियों के लिए मेंटरशिप आधारित पहलों के माध्यम से सरकार को सहयोग देने की इच्छा जताई है।