Indian Plates Splitting: दरक रही है धरती की नींव ! भारत की भूमि में दरार की आशंका, इस कारण बदल सकता है एशिया का नक्शा

Indian Plates Splitting: मानवता की नजर से ओझल जमीनी हलचलों में एक ऐसा इंकलाब आ रहा है, जो आने वाले वक्त में न केवल भारत बल्कि पूरे एशिया की सूरत-ए-जमीं को बदल सकता है।....

Fear of cracks in India s land
जमीन के नीचे चल रही है विनाश की तैयारी!- फोटो : Meta

Indian Plates Splitting: भूवैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसके अनुसार भारतीय टेक्टॉनिक प्लेट दो हिस्सों में टूट रही है, और इसका एक हिस्सा सीधे धरती के गर्भ यानी कोर की ओर धंस रहा है। यह घटना सिर्फ वैज्ञानिक समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे एशियाई उपमहाद्वीप के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, जो भविष्य में क्षेत्र के नक्शे को भी बदल सकती है।

अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन की रिपोर्ट

अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्लेट पिछले 6 करोड़ वर्षों से यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। यह भयंकर और निरंतर टकराव अब उस चरम बिंदु पर पहुँच गया है जहाँ प्लेट "डिलैमिनेशन" की प्रक्रिया से टूटने लगी है। डिलैमिनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी टेक्टॉनिक प्लेट का अधिक भारी और घना हिस्सा टूटकर नीचे धरती की कोर की ओर गिरने लगता है। इस प्रक्रिया से प्लेट की स्थिरता खतरे में पड़ गई है, जिससे भूकंप का जोखिम कई गुना बढ़ गया है।

भूकंपीय हादसे की आशंका

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट साइमन क्लेम्परर ने इस स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि हिमालय जैसे संवेदनशील इलाकों में टेक्टॉनिक प्लेट्स पर पहले से ही भारी दबाव है। अब जब इन प्लेट्स में दरारें पड़ रही हैं, तो किसी बड़े भूकंपीय हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

महाविनाशकारी घटनाओं का बढ़ता जोखिम

धरती कुल सात टेक्टॉनिक प्लेट्स पर टिकी हुई है, और यदि इनमें से किसी का भी संतुलन बिगड़ता है, तो भविष्य में न सिर्फ तीव्र भूकंप, बल्कि ज्वालामुखी विस्फोट और बड़े पैमाने पर भूस्खलन जैसी महाविनाशकारी प्राकृतिक आपदाएँ आम हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने यह स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया अभी अपने शुरुआती चरण में है। हालांकि, यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया या इसे नजरअंदाज किया गया, तो पृथ्वी का भू-वैज्ञानिक नक्शा फिर से लिखने की नौबत आ सकती है।