इतने रुपये हो सकती है न्यूनतम बेसिक सैलरी, 1 जनवरी 2026 से हो सकता है लागू, नए पे कमीशन से लगेगा झटका या मिलेगा झोला? पढ़िए रोजगार का गणित!
8th pay commission: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने लाखों सरकारी कर्मियों को एक सुनहरी सौग़ात दी है। वर्षों से प्रतीक्षित आठवें वेतन आयोग के गठन की स्वीकृति देकर सरकार ने उम्मीदों के दीप फिर से रोशन कर दिए हैं।

8th pay commission: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने लाखों सरकारी कर्मियों को एक सुनहरी सौग़ात दी है। वर्षों से प्रतीक्षित आठवें वेतन आयोग के गठन की स्वीकृति देकर सरकार ने उम्मीदों के दीप फिर से रोशन कर दिए हैं।सरकारी दफ़्तरों की चौखट पर वर्षों से यह मांग घूम रही थी कि वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन किया जाए। अब जबकि यह ऐलान हो चुका है, तो आइए जानें इस परिवर्तनशील निर्णय का असर उन लाखों चेहरों पर कैसे पड़ेगा जो सुबह से शाम तक राष्ट्र की सेवा में रत हैं।
यह आयोग केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की तनख़्वाह, भत्तों और पेंशन में संशोधन हेतु गठित किया जाता है। यह हर 10 वर्षों में आता है और देश की आर्थिक स्थिति, महंगाई के स्तर, और कर्मियों की आवश्यकताओं को मद्देनज़र रखते हुए नए मापदंड तय करता है।
फिलहाल न्यूनतम बेसिक वेतन ₹18,000 है। लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 तक किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो नया बेसिक वेतन ₹51,480 तक जा सकता है।
यह बदलाव केवल संख्याओं का फेरबदल नहीं, बल्कि एक आम कर्मचारी के सपनों में रंग भरने जैसा होगा। इससे पेंशन में भी सुधार होगा, जिससे वृद्धावस्था की सुरक्षा और सम्मान दोनों बढ़ेंगे।
वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी का निर्धारण करता है। इसमें महंगाई दर, जीवन यापन की लागत, आवश्यकताओं और कर्मचारी वर्ग की संतुलित मांगों को आधार बनाया जाता है।
सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को इस आयोग का प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। यह केवल वेतन वृद्धि नहीं, बल्कि एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक राहत भी होगी।
रिपोर्ट्स की मानें तो यह नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। यानी दो वर्षों में हर सरकारी कर्मचारी की जेब में उम्मीद से ज़्यादा राहत की रक़म होगी।