Operation Sindoor:मसूद अजहर की पत्नी, बेटा, बहन समेत पूरा परिवार ढेर, भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ को किया नेस्तनाबूद! बहावलपुर में मरकज सुब्हान अल्लाह पर सटीक स्ट्राइक

Operation Sindoor:जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अड्डे मरकज सुब्हान अल्लाह पर भारतीय सेना द्वारा किए गए स्ट्राइक में मसूद अजहर की पत्नी, बेटा और बड़ी बहन सहति उसके पूरे परिवार का सफाया हो गया है।

Masood Azhar
मसूद के पत्नी और बेटा सहित 14 लोगों की मौत- फोटो : social media

Operation Sindoor: पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के कुख्यात ठिकाने मरकज सुब्हान अल्लाह पर भारतीय सेना के एक अभूतपूर्व सर्जिकल स्ट्राइक ने आतंक के साम्राज्य को तहस-नहस कर दिया है। खुफिया सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इस हमले में जेईएम के सरगना मसूद अजहर की पत्नी, बेटे, बड़ी बहन और पूरे परिवार के साथ-साथ संगठन के अन्य प्रमुख आतंकियों के परिजन भी मारे गए हैं। मृतकों में मौलाना काशिफ और उसका परिवार, मौलाना अब्दुल रऊफ की बड़ी बेटी, उसके पोते, चार बच्चे और अप्पा सऊदी का परिवार शामिल है। 

यह हमला बहावलपुर के उस्मान-ओ-अली परिसर, जिसे जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है, पर किया गया। 18 एकड़ में फैला यह परिसर जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख प्रशिक्षण और संचालन केंद्र था, जहां से पुलवामा जैसे आतंकी हमलों की साजिशें रची जाती थीं। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले के समय सभी प्रमुख आतंकी और उनके परिजन इस परिसर में मौजूद थे। भारतीय सेना ने अचूक निशाने के साथ इस ठिकाने को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया, जिससे आतंकी संगठन को करारा झटका लगा है।

ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के जिहादी ढांचे को जड़ से उखाड़ना था, जो पिछले तीन दशकों से भारतीय धरती पर खून-खराबे के लिए जिम्मेदार रहे हैं। यह ऑपरेशन भारत की उस रणनीति का हिस्सा है, जो आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर आधारित है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने अत्याधुनिक तकनीक और खुफिया जानकारी के आधार पर इस सटीक हमले को अंजाम दिया, जिसमें किसी भी नागरिक हताहत की कोई खबर नहीं है।

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पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर, जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है। लाहौर से करीब 400 किमी दूर स्थित यह शहर मसूद अजहर का जन्मस्थान भी है। अजहर यहीं एक भारी सुरक्षा वाले परिसर में रहता था और यहीं से जेईएम के आतंकी ऑपरेशनों को अंजाम देता था। जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह परिसर न केवल जैश का प्रशिक्षण केंद्र था, बल्कि भर्ती, धन उगाही और जिहादी विचारधारा के प्रसार का प्रमुख अड्डा भी था। 

हालांकि, जैश-ए-मोहम्मद पर 2002 में आधिकारिक तौर पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इस संगठन को खुली छूट दे रखी थी। जेईएम न केवल अपने प्रशिक्षण शिविर चला रहा था, बल्कि खुलेआम आतंकी गतिविधियों को भी अंजाम दे रहा था। भारतीय सेना के इस साहसिक ऑपरेशन ने न केवल जैश के ढांचे को ध्वस्त किया, बल्कि पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति ढुलमुल नीति को भी दुनिया के सामने बेपर्दा कर दिया। 

ऑपरेशन सिंदूर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। यह हमला न केवल जैश-ए-मोहम्मद के लिए, बल्कि सभी आतंकी संगठनों के लिए एक सख्त चेतावनी है कि भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ की कीमत चुकानी पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि इस ऑपरेशन के बाद भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां अन्य आतंकी ठिकानों पर भी नजर रख रही हैं, और भविष्य में ऐसे और सटीक हमले किए जा सकते हैं।