Republic Day 2025: भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं, जो न केवल व्यापारिक बल्कि धार्मिक और पौराणिक कहानियों में भी गहराई से जुड़े हुए हैं। गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की मेज़बानी इस सांस्कृतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
सांस्कृतिक विरासत का साझा इतिहास
भारत और इंडोनेशिया की संस्कृतियों में एक समानता है, जिसमें धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और पौराणिक कथाओं का समावेश होता है। उदाहरण के लिए, भारतीय महाकाव्य रामायण और महाभारत का प्रभाव इंडोनेशियाई संस्कृति में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यहां तक कि हनुमान और रावण जैसे पात्रों को स्थानीय कला और नाटकों में प्रस्तुत किया जाता है।
देवी लक्ष्मी, भगवान शिव और गरुड़ का महत्व
इंडोनेशिया में देवी लक्ष्मी, जो समृद्धि की देवी मानी जाती हैं, का पूजन किया जाता है। यह दर्शाता है कि भारतीय पौराणिक कथाएं वहां की संस्कृति में कितनी गहराई से समाहित हैं। भगवान शिव भी यहां के धार्मिक विश्वासों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। गरुड़, जो भारत में भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है, इंडोनेशिया के राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा है। यह दर्शाता है कि कैसे भारतीय पौराणिक कथाएं इंडोनेशियाई संस्कृति को प्रभावित करती हैं।
पौराणिक कथाओं का प्रभाव
इंडोनेशिया की पौराणिक कथाएं हिंदू धर्म से प्रभावित हैं, जिसमें देवी दानु (झील की देवी) और देवी रति (चंद्रमा की देवी) जैसे पात्र शामिल हैं। इन पात्रों के माध्यम से भारतीय पौराणिक कथाओं का प्रभाव स्पष्ट होता है। इसके अलावा, प्रंबानन मंदिर जैसे संरचनाएं भी इस सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाती हैं।
आधुनिक संबंधों की मजबूती
हाल ही में भारत-इंडोनेशिया संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्रयासों ने दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत किया है। गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशियाई मार्चिंग बैंड का भाग लेना इस साझेदारी को और भी मजबूत करता है।
गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की उपस्थिति से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी।