Sam Pitorda: कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान से फिर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने यह कहकर एक और विवाद खड़ा कर दिया था कि वह "चीन" से खतरे को नहीं समझ सकते। पित्रोदा यह भी कहा कि इस मुद्दे को आम तौर पर "बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है"।
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा कि अब ''टकराव'' का नहीं बल्कि ''नेटवर्क राष्ट्रों'' का समय आ गया है।पित्रोदा ने कहा, "मैं चीन से खतरे को नहीं समझता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका की प्रवृत्ति दुश्मन को परिभाषित करने की है। मेरा मानना है कि सभी देशों के लिए सहयोग करने का समय आ गया है, टकराव का नहीं।पित्रोदा का यह बयान उस समय आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच भारत-चीन सीमा तनाव पर चर्चा हुई थी।
पित्रोदा ने अपने बयान में कहा कि “अब सभी देशों के लिए सहयोग करने का समय आ गया है, टकराव का नहीं।” उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका की प्रवृत्ति हमेशा दुश्मन को परिभाषित करने की होती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव बढ़ता है। उनका मानना है कि हमें पड़ोसी देशों के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।
वहीं भाजपा ने पित्रोदा के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का चीन के प्रति जुनून 2008 में कांग्रेस और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौते से उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा, “जिन्होंने हमारी 40,000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे दी, उन्हें अब भी ड्रैगन से कोई खतरा नहीं दिखता।
वहीं भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी सहित अपने नेतृत्व के साथ, चीन के लिए "एजेंट" के रूप में काम कर रही है। उन्होंने 2008 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच हस्ताक्षरित एक कथित गुप्त समझौता ज्ञापन (एमओयू) का जिक्र किया, यह दावा कांग्रेस द्वारा असत्यापित है। उन्होंने अपने आरोपों को साबित करने के लिए डोकलाम संकट के दौरान राहुल गांधी की चीन के राजदूत के साथ कथित मुलाकात जैसी पिछली घटनाओं का भी जिक्र किया। भंडारी ने कहा, ''2008 का जो गुप्त एमओयू चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच हुआ था, वह गुप्त एमओयू अभी तक कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित नहीं किया गया है. डोकलाम के समय राहुल गांधी गुप्त रूप से चीन के राजदूत से मिल रहे थे...