हत्या करवा रही है BJP! राजद विधायक का धमाका, बिहार विधानसभा के बाहर सियासी घमासान

Bihar Vidhansabha: सत्र शुरु होते हीं विपक्षी दलों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी।विपक्ष के सदस्यों ने "लोकतंत्र की हत्या" का आरोप लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।कानून-व्यवस्था, वोटर लिस्ट पुनरीक्षण, और रोजगार जैसे मसलों पर सरकार को घेरने की रणनीति

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बिहार विधानसभा के बाहर सियासी घमासान- फोटो : reporter

Bihar Vidhansabha:बिहार विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है।जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सत्र का औपचारिक उद्घाटन भाषण शुरू किया, विपक्षी दलों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी।विपक्ष के सदस्यों ने "लोकतंत्र की हत्या" का आरोप लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।कानून-व्यवस्था, वोटर लिस्ट पुनरीक्षण, और रोजगार जैसे मसलों पर सरकार को घेरने की रणनीति साफ नजर आई।

 17वीं विधानसभा का यह आखिरी मानसून सत्र केवल 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार) तक चलेगा, लेकिन इसके राजनीतिक मायने बहुत बड़े हैं क्योंकि साल के अंत तक बिहार विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

नीतीश सरकार की योजना इस सत्र में 12 अहम विधेयक लाने की है, जिनमें 4 मूल विधेयक,8 संशोधन विधेयक शामिल हैं।सरकार का फोकस खासकर युवाओं, बेरोजगारों, रैयतों और श्रमिकों से जुड़े मुद्दों पर विधायी काम पूरा करने पर है।सत्र के जरिए सरकार विधानसभा और विधान परिषद से विधेयक पारित कर उन्हें कानून में तब्दील करना चाहती है।

अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने अपने उद्घाटन भाषण में सदन में मौजूद सभी विधायकों से विधानसभा की गरिमा बनाए रखने की अपील की।उन्होंने यह भी कहा कि सदन की कार्यवाही को प्रभावी और सार्थक बनाने के लिए सभी पक्ष सहयोग करें।

विपक्षी दल इस सत्र को एक राजनीतिक मंच की तरह इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं।

उनकी रणनीति में शामिल हैं:मतदाता सूची में गड़बड़ी और 'SIR' प्रकरण पर सवाल,रोजगार के झूठे वादों पर बहस,कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर सरकार को घेरना,

बहरहाल बिहार विधानसभा का यह संक्षिप्त लेकिन तीखा मानसून सत्र सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए राजनीतिक परीक्षा जैसा है।जहां सरकार विकास और विधायी उपलब्धियों पर जोर देने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष इस सत्र को सरकार के खिलाफ जनमत बनाने के आखिरी मौके की तरह देख रहा है।आने वाले दिनों में सदन में जबरदस्त सियासी गर्मी देखने को मिल सकती है।