Putin India visit: पुतिन पहुंचे भारत! पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर किया स्वागत, जानें रूस से भारत तक उनका पूरा फ्लाइट रूट
Putin India visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच गए हैं। पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनकी अगवानी की। जानें पुतिन किस रास्ते से भारत पहुंचे और उनका विशेष विमान Il-96-300PU किन सुविधाओं से लैस है।
Putin India visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार (4 दिसंबर 2025) को दिल्ली पहुंचे और एयरपोर्ट पर स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। यह दृश्य बेहद खास था, क्योंकि पीएम मोदी आम तौर पर किसी भी राष्ट्राध्यक्ष को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट नहीं जाते। इससे यह साफ दिखाई दिया कि भारत इस यात्रा को कितनी बड़ी कूटनीतिक अहमियत दे रहा है।
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और अमेरिका के बीच कुछ मुद्दों पर हल्का तनाव देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पुतिन इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के गिरफ्तारी वारंट के चलते पश्चिमी दबावों का सामना कर रहे हैं। ऊपर से पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय विमानों के लिए अपना आकाश बंद कर रखा है। ऐसे माहौल में सवाल स्वाभाविक था कि पुतिन की फ्लाइट भारत आई कैसे।
कैसे पहुंचा पुतिन का विमान दिल्ली—पूरा रूट उजागर
रूस के ज़ुकोवस्की एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद राष्ट्रपति पुतिन का विमान दक्षिण दिशा की ओर बढ़ा। फ्लाइटडाटा24 के अनुसार यह विमान पहले कज़ाखिस्तान के आसमान में पहुंचा, जहां से कैस्पियन सागर के ऊपर से उड़ते हुए तुर्कमेनिस्तान की ओर बढ़ गया। तुर्कमेनिस्तान को पार करने के बाद उड़ान ने अफगानिस्तान का हवाई क्षेत्र पार किया। सबसे दिलचस्प हिस्सा पाकिस्तान था। भारत के विमानों के लिए आकाश बंद करने वाला पाकिस्तान इस विशेष उड़ान को रोक नहीं पाया और रूसी राष्ट्रपति का विमान शांति से उसके ऊपर से गुजर गया। इसके बाद विमान राजस्थान की सीमा में दाखिल हुआ और आखिरकार दिल्ली लैंड कर गया। यह पूरा सफर इस बात का इशारा करता है कि रूस की कूटनीतिक पकड़ अब भी बेहद मजबूत है और वह अपनी उड़ानों और सुरक्षा को लेकर हर स्तर पर तैयार रहता है।
रूसी राष्ट्रपति का विमान
पुतिन जिस विमान में यात्रा करते हैं, वह किसी साधारण प्रेसिडेंशियल प्लेन जैसा नहीं होता।Ilyushin Il-96-300PU नाम का यह चार इंजन वाला विमान वास्तव में एक मोबाइल कमांड सेंटर है। किसी संकट या युद्ध की स्थिति में राष्ट्रपति इसी विमान से सेना, सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े आदेश जारी कर सकते हैं।इस विमान में उन्नत संचार प्रणाली, सुरक्षित सैटेलाइट लिंक, मिसाइल-रोधी उपकरण और खास गोपनीय तकनीकें लगी होती हैं। रूस की स्पेशल फ्लाइट स्क्वाड्रन के पास ऐसे कई विमान मौजूद हैं, जिनमें Il-62, Tu-154 और Sukhoi Superjet 100 भी शामिल हैं।
पुतिन का यह दौरा क्यों बन गया बेहद खास?
कई सालों से रूस के शीर्ष नेतृत्व का ऐसा प्रतिनिधिमंडल भारत नहीं आया था। इस यात्रा में रक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी, व्यापार बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समन्वय जैसे कई अहम मुद्दों पर बातचीत तय मानी जा रही है।अमेरिका और यूरोप की नाराजगी के बीच भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता, जिसे “स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी” कहा जाता है, इस दौरे से और मजबूत होती दिखाई देती है। यह भी माना जा रहा है कि भारत–रूस रिश्ते आने वाले वर्षों में नए मोड़ लेंगे और इस मुलाकात की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहेगी।