Police News: DGP यूआर साहू ने बड़ा आदेश दिया है। उन्होंने करीब 577 ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों को कैंप अरेस्ट कर दिया है। इन ट्रेनी इंस्पेक्टर को पुलिस लाइन से बाहर जाने से रोक दिया गया है। मामला राजस्थान का है। दरअसल, SI भर्ती 2021 के 577 चयनित अभ्यर्थी जिन्होंने ट्रेनिंग पूरी कर ली है, फील्ड में उतरने के इंतजार में पुलिस लाइन में 'हाउस अरेस्ट' जैसी स्थिति में हैं।
577 ट्रेनी सब इंस्पेक्ट का एक ही काम
हाई कोर्ट के आदेश के कारण उनकी पासिंग आउट परेड और फील्ड पोस्टिंग पर रोक लगी हुई है, जिससे वे पुलिस लाइन से बाहर भी नहीं जा सकते। फिलहाल दिन में सिर्फ दो से चार बार हाजिरी लगाते हैं और 'यस सर' बोलना ही उनका एकमात्र काम रह गया है।
पुलिस महकमा तय नहीं कर पा रहा कि इनसे क्या काम लिया जाए
जानकारी अनुसार राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ये अलग-अलग जिलों और बटालियन मुख्यालयों में तैनात किए गए हैं। लेकिन भर्ती रद्द होगी या नहीं, इस पर सरकार ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है। कोर्ट के आदेश को देखते हुए इन्हें फील्ड पोस्टिंग नहीं दी गई। सबसे अधिक SI जयपुर कमिश्नरेट में हैं।
पुलिस लाइन में रहने की मजबूरी
जयपुर की चांदपोल पुलिस लाइन में 76 SI तैनात हैं। पुरुष SI पुलिस कांस्टेबलों की बैरकों में रह रहे हैं, जबकि महिला SI को पुस्तकालय के पास अस्थायी आवास और गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। जगह की कमी के चलते कुछ SI के लिए टेंट तक लगाने पड़े।
बाहर जाने की मनाही, काम सिर्फ 'यस सर' बोलना
फील्ड पोस्टिंग न मिलने के कारण SI दिनभर बैरकों में खाली बैठे रहते हैं। उनका कहना है कि बिना काम पुलिस लाइन में समय बिताना मुश्किल हो गया है। खाली समय में वे मोबाइल पर रील और फिल्म देखने में समय बिता रहे हैं। कुछ RAS,असिस्टेंट प्रोफेसर और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने 9 जनवरी को फील्ड पोस्टिंग पर रोक लगा दी थी। सरकार ने कोर्ट में कहा था कि करीब 40 ट्रेनी SI को नकल और डमी कैंडिडेट्स की वजह से सस्पेंड किया गया है, लेकिन पूरी भर्ती रद्द नहीं कर सकते।
डीजीपी का आदेश
हाई कोर्ट की रोक के बाद PHQ ने ट्रेनी SI को उनके आवंटित जिलों में भेजा था, लेकिन कुछ जिलों ने उन्हें थानों पर भेज दिया। इसके बाद कोर्ट के निर्देश पर फील्ड पोस्टिंग रोक दी गई। 10 जनवरी को डीजीपी ने आदेश जारी कर SI को जिला या बटालियन मुख्यालय में ही रखने के निर्देश दिए। अब सभी कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।