ED Raid: कांग्रेस नेता के घर ईडी की रेड, इस घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई, पूर्व मंत्री ने लगाए गंभीर आरोप

ED Raid: कांग्रेस नेता के घर सुबह से ईडी की छापेमारी जारी है। प्रवर्तन निदेशालय ने देश के सबसे बड़े घोटाले मामले में कार्रवाई की है। वहीं कांग्रेस नेता ने गंभीर आरोप लगाया है...

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ED raids at Congress leader house- फोटो : social media

ED Raid: कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री के घर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। सुबह से ही कांग्रेस नेता के घर ईडी की रेड जारी है। दरअसल, मामला राजस्थान का है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। PACL चिटफंड घोटाले से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। 

कांग्रेस नेता के घर ईडी की रेड

जानकारी अनुसार जयपुर स्थित उनके सिविल लाइंस आवास पर सुबह से ही ईडी की टीम छापेमारी जारी है। सूत्रों की मानें तो करीब 30 करोड़ रुपये की घोटाले की रकम कांग्रेस नेता से जुड़ी संपत्तियों में निवेश किए जाने के संकेत मिले हैं। PACL देश का सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला माना जाता है। जिसमें लाखों निवेशकों से हजारों करोड़ की ठगी हुई थी। ईडी की टीम खाचरियावास के आवास पर दस्तावेजों की गहन जांच में जुटी है।

ईडी रेड से जयपुर में हड़कंप

ईडी की इस कार्रवाई से राजधानी जयपुर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है। प्रताप सिंह के समर्थक जैसे ही रेड की सूचना मिली, बड़ी संख्या में उनके आवास की ओर रवाना हो गए। ईडी की रेड के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है और कांग्रेस इसे केंद्र की राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है।

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पूर्व मंत्री का बयान 

ईडी की कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, "ईडी की टीम जांच के लिए आई है, मैं सहयोग कर रहा हूं। मुझे कोई डर नहीं है। भाजपा ईडी का इस्तेमाल कर राजनीतिक लड़ाई लड़ रही है। मुझे ईडी की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला, सीधे छापेमारी की गई। मैं अपना काम करता रहूंगा।"

क्या है PACL घोटाला

PACL देश का सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला माना जाता है। PACL (पीएसीएल) पर देशभर के 5.85 करोड़ निवेशकों से लगभग 49,100 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। अकेले राजस्थान में ही 28 लाख लोगों ने 2,850 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कंपनी ने रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर लोगों से भारी धनराशि जमा कराई।

सेबी और सुप्रीम कोर्ट ने भी दी कार्रवाई की मंजूरी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 2014 में PACL की योजनाओं को अवैध घोषित करते हुए उसके सभी कार्यों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश आर. एम. लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर, PACL की संपत्तियां बेचकर निवेशकों को पैसा लौटाने का आदेश दिया था। SEBI के मुताबिक, PACL के पास करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियां हैं। देशभर के कई राज्यों मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज हैं।