Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा फिर हुई स्थगित, सामने आई बड़ी वजह, रोने लगे श्रद्धालु
Premanand Maharaj: वृंदावन के लोकप्रिय संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा फिर स्थगित हो गई है। प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा कैंसिल होने से श्रद्धालुओं में निराशा है, श्रद्धालु कई शहरों से पहुंच कर प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए इंतजार कर रहे थे

Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा एक बार फिर स्थगित हो गई है। इस बार उनकी पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई है। बताया जा रहा है कि उनकी खराब स्वास्थ्य के कारण नियमित पदयात्रा स्थगित की गई है। खराब तबीयत के चलते उन्हें रात में निकलने वाली पदयात्रा को दोबारा स्थगित करना पड़ा है। बीते दो दिनों से वह पैदल यात्रा की बजाय सुबह साढ़े चार बजे कार से श्री हित राधा केली कुंज आश्रम पहुंच रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं में निराशा का माहौल है क्योंकि कई लोग उनके दर्शन के लिए पूरी रात इंतजार करते हैं।
कार से आश्रम पहुंचे प्रेमानंद महाराज
बुधवार और गुरुवार की रात भी प्रेमानंद महाराज कार से आश्रम पहुंचे। इस दौरान रातभर उनका इंतजार कर रहे भक्तों में कई भावुक हो उठे, कुछ की आंखों से आंसू भी बह निकले। बताया जा रहा है कि उन्हें इन दिनों पैदल चलने में दिक्कत हो रही है। महाराज की दिनचर्या के अनुसार वह प्रतिदिन रात दो बजे श्री कृष्ण शरणम् स्थित निवास से पैदल यात्रा करते हुए बाराहघाट और परिक्रमा मार्ग होते हुए आश्रम पहुंचते हैं। जहां पूजा-पाठ, प्रवचन और दर्शन कार्यक्रम होते हैं।
पदयात्रा स्थगित से श्रद्धालुओं में नाराजगी
आमतौर पर वह सुबह साढ़े सात बजे तक अपने निवास लौट जाते हैं। लेकिन बीते दो दिनों से यह क्रम बाधित है। जानकारी के अनुसार प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य में सुधार होने तक पदयात्रा स्थगित रह सकती है। इससे पहले भी एक पखवाड़े पूर्व स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उनकी पदयात्रा प्रभावित हुई थी। गौरतलब है कि इससे पहले पदयात्रा के मार्ग में आने वाली कॉलोनी के कुछ निवासियों के विरोध के चलते भी उनकी यात्रा रोकी गई थी।
पहले भी स्थगित हुई पदयात्रा
हालांकि तब आश्रम की ओर से स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया था। बाद में पता चला कि कॉलोनीवासियों को रात में होने वाले शोर से दिक्कत हो रही थी। जिसके चलते उन्होंने विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद क्षेत्र के दुकानदारों ने भी विरोध स्वरूप कॉलोनीवासियों को सामान देना बंद कर दिया था। अंततः कॉलोनीवासियों ने महाराज से माफी मांगते हुए पदयात्रा फिर से शुरू करने की अपील की थी। जिसके बाद यात्रा पुनः शुरू की गई थी।