Premananda Ji Maharaj Padyatra: वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज जी की पदयात्रा आज से एक बार फिर शुरु हो गई है। उन्होंने बीते दिन घोषणा की कि उनकी रात की पदयात्रा जो पिछले 11 दिनों से बंद थी वो आज से फिर शुरू होगी। यह घोषणा उन्होंने सोमवार को अपने आश्रम में उपस्थित भक्तों के सामने की। महाराज ने बताया कि वे आज रात ठीक दो बजे अपने आश्रम से पदयात्रा के लिए निकलेंगे।
6 फरवरी से बंद था पदयात्रा
दरअसल, छह फरवरी को अचानक उनकी रात की पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा की गई थी, जिसका कारण स्वास्थ्य संबंधित बताया गया था। हालांकि, बाद में पता चला कि यह फैसला एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के निवासियों के विरोध के कारण लिया गया था। विरोध के बाद कॉलोनी के लोगों का बहिष्कार आसपास के दुकानदारों ने शुरू कर दिया। जिससे परेशान होकर कॉलोनी के अध्यक्ष ने रविवार को प्रेमानंद महाराज से मिलकर माफी मांगी और पदयात्रा फिर से शुरू करने की अपील की।
भक्तों का समर्थन और महाराज का फैसला
सोमवार को कॉलोनी के आसपास के लोग भी महाराज से मिलने पहुंचे और उनसे पदयात्रा शुरू करने की प्रार्थना की। लोगों ने कहा कि वृंदावन में संकीर्तन और भजन संध्या की परंपरा है और किसी भी बृजवासी को इससे कोई आपत्ति नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि महाराज के दर्शन के लिए रोज लाखों श्रद्धालु आते हैं, और इतने बड़े जनसमूह के बावजूद दर्शन में कोई अव्यवस्था नहीं होती। लोगों के समर्थन को देखकर महाराज ने कहा, "आपका यहां आना ही पर्याप्त है। हम कल से पदयात्रा शुरू करेंगे और ठीक दो बजे आश्रम से बाहर निकल जाएंगे। हमारा उद्देश्य सभी को सुख देना है किसी को दुख नहीं पहुँचना चाहिए। जब विरोध हुआ तो हमने तुरंत पदयात्रा बंद कर दी क्योंकि हम किसी को दुख नहीं दे सकते। बृजवासी हमारे अराध्य हैं, और हम उन्हें दुखी नहीं देख सकते चाहे वे हमें गाली ही क्यों न दें।"
एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के विरोध का कारण
प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन रात दो बजे छटीकरा मार्ग स्थित अपने निवास 'श्री कृष्ण शरणम' से पैदल चलते हुए परिक्रमा मार्ग पर 'श्री हित राधा केली कुंज आश्रम' जाते हैं। उनकी पदयात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए जुटते हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पदयात्रा मार्ग के दोनों ओर रस्सियों से बैरिकेडिंग की जाती है। महाराज के स्वागत में श्रद्धालु ढोल-नगाड़े और म्यूजिक सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं, जिससे रात में शोर-शराबा होता है। एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के निवासियों ने इस शोर के कारण विरोध किया, क्योंकि इससे उनकी रात की नींद में खलल पड़ती थी। इसी वजह से आश्रम ने पदयात्रा को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था।
महिलाओं का विरोध और शिकायतें
एनआरआई ग्रीन कॉलोनी की महिलाओं ने तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि रात में होने वाले शोर-शराबे के कारण वे सही से सो नहीं पातीं, जिससे सुबह बच्चों को स्कूल भेजने और कामकाजी लोगों के लिए दिनभर की दिनचर्या प्रभावित होती है। बाद में कॉलोनी के अध्यक्ष और निवासियों ने महाराज से मिलकर माफी मांगी और पदयात्रा दोबारा शुरू करने का आग्रह किया। इसके बाद महाराज ने पदयात्रा फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।