Bhojpur Mahila Chaupal: भोजपुर के ग़ज़ियापुर गांव में महिला चौपाल! महिलाओं ने उठाई स्मार्ट मीटर, आवास, बिजली और पानी जैसी गंभीर समस्याएं
Bhojpur Mahila Chaupal: भोजपुर के ग़ज़ियापुर गांव में आयोजित महिला चौपाल में महिलाओं ने सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और आवास की समस्याएं उठाईं। समाजसेविका सोनाली सिंह ने सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग की कमी पर सवाल उठाए।

Bhojpur Mahila Chaupal: भोजपुर के बड़हरा विधानसभा अंतर्गत ग़ज़ियापुर गांव में महिला सशक्तिकरण को लेकर महिला चौपाल का आयोजन किया गया । गांव की सैकड़ों महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उसका निवारण किया गया। कार्यक्रम के दौरान समाजसेविका सोनाली सिंह को ग्रामीण महिलाओं ने भव्य स्वागत किया एवं उन्हें आशीर्वाद दिया । महिला चौपाल कार्यक्रम के दौरान एक हजार से ज्यादा महिलाओं ने अपनी परेशानी रखी। इसके बाद सोनाली सिंह के द्वारा सभी महिलाओं को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। महिलाओं ने क्षेत्र की बदहाल सड़क, स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा और रोजगार की कमी जैसी गंभीर समस्याओं को उठाया।
गजियापुर निवासी फूलन देवी ने बताया कि हमारे घर तक सड़के नहीं है, बरसात में स्थिति काफी गंभीर बन जाती है। अभी तक हमारे गांव में कई महिलाओं को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। कई सालों से घर बनाने के लिए सोच रहे हैं लेकिन कोई मदद करने वाला नहीं है। बिजली की भी स्थिति खराब है, अगर तार टूट जाता है तो दो-दो दिनों तक नहीं बन पाता है। उज्ज्वला योजना का भी हम लोगों को लाभ नहीं मिल पाया है। हमारी मांग है कि हम जैसे गरीब लोगों को सरकारी योजना प्राप्त हो। जिसके लिए हम लोगों ने सोनाली सिंह से अपनी समस्या को सुनने के लिए आए हैं।
गोरकी देवी ने बताया कि सड़क नहीं, घर तक पानी के लिए पाइप बिछा दिया गया है लेकिन उसमें आज तक पानी नहीं आया है। हम लोग बिजली बिल समय पर देते हैं हमारे घर में ना तो AC है ना ही कूलर उसके बावजूद भी बिजली बिल काफी ज्यादा आता है। इस समस्या को हम लोगों ने कई जनप्रतिनिधि, अधिकारियों से भी शिकायत की लेकिन उसका निदान आज तक नहीं निकल गया। किसी किसी महीने 10 से 12,000 बिजली बिल आता है। हम लोग गरीब आदमी हैं कहां से इतना बिजली बिल जमा करें। वही महिलाओं ने गांव में एक पंचायत भवन बनाने की मांग की है।
इधर महिला चौपाल के दौरान युवा नेत्री सह समाजसेविका सोनाली सिंह ने कहा कि हम लोग महिला चौपाल बातचीत के लिए नहीं करते है। अपने हक को मांगने के लिए भी है। 20 साल से जो हमारी सरकार है जो महिलाओं की बातें करती है। वह वादा सिर्फ पोस्टर तक ही सीमित है। धरातल पर आकर सभी वायदे फेल हो जाते है। देश में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी की बात होती है। शत प्रतिशत सम्मान की बात क्यों नहीं की जाती है। हर गांव में बेसिक समस्याओं का देखा जा रहा है। सड़क,नली घर के सामने से रास्ता नहीं है। सबसे बड़ी समस्या स्मार्ट मीटर की है। भले मड़ई का मकान क्यों ना हो, लेकिन स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। जिसके कारण गरीबों को ज्यादा बिल आ रहा है। इन कारणों से घर की महिलाएं झेल रही है।
जो हमारे सरकार में लोग हैं वो बात करते है नशा मुक्त बिहार कि, आज के वक्त छोटे-छोटे बच्चे पेडलर्स बनकर घूम रहे हैं। जगह-जगह शराब पहुंचाने का काम कर रहे हैं। बद से बदहाल हो गया है हमारा बिहार। जो विकास की बातें सरकार के लोग करते हैं उनको धरातल पर लाकर टीम बनाकर काम करना होगा। सरकार योजना लाकर छोड़ देती है इसकी मॉनिटरिंग तक नहीं की जाती है। जब तक मॉनिटरिंग नहीं होगी तब तक जरूर लोगों के बीच योजनाएं नहीं पहुंच सकती है।
भोजपुर आरा से आशीष कुमार की रिपोर्ट