Bihar News: बिहार के इस गांव में नहीं हो रही लड़कियों की शादी, अगुआ आते ही भाग जाते हैं, जानिए क्यों
Bihar News: बिहार में एक ऐसा गांव है जहां लड़कियों की शादी नहीं हो रही है। शादी के लिए अगुआ तो आते हैं लेकिन टिकते नहीं हैं। अगुआ आते ही भाग जाते हैं, कई घरों की लड़कियां आज भी कुंवारी हैं...पढ़िए आगे..

Bihar News: बिहार के भोजपुर जिले का एक ऐसा गांव जहां सड़क नहीं बनना वहां की लड़कियों के लिए आफत बन गई है। सड़क नहीं होने की वजह से कई लड़कियों की शादी तक नहीं हो रही है। अगर कोई शादी करने आता भी है तो जगह और स्थिति देखकर शादी करना नहीं चाहता है। ऐसे में गांव की ज्यादातर शादियां दूसरे गांव में जाकर करनी पड़ती है। जिसकी वजह से दोगुना रुपया चुकाना पड़ता है। गांव के लोग दूसरे गांव या गांव के बाहर मंदिरों से अपनी बेटियों की शादी करते है। इसका सबसे बड़ा कारण गांव तक सड़क की खराब स्थिति है। सड़क नहीं होने की वजह से गांव में बारात नहीं आती है।
बदहाली का मार झेल रहा गांव
हम बात कर रहे है भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के बहोरनपुर पंचायत अंतर्गत लक्ष्मणपुर गांव की। जहां लगभग 2500 की जनसंख्या निवास करती है और 900 वोटर्स है। इसके बावजूद यह गांव बदहाली की मार झेल रहा है। गांव गांव सड़क सड़क के नारे यहां पहुंचते ही धूमिल हो जाती है। चमरपुर एवं लक्ष्मणपुर गांव के बीच 350 मीटर सड़क नहीं है। गांव के बीच में सड़क बनी है। जिसे गांव वाले बताते है कि भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री सह आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह के द्वारा बनवाया गया है। लेकिन गांव में प्रवेश करने वाले रास्ते का 350 मीटर और गांव के अंदर लगभग एक किलोमीटर की सड़क नहीं बन पाई है।
सड़क देख भाग जाते हैं बिचवलिया
इस समस्या पर गांव की लता देवी ने बताया कि मेरे गांव में सड़क नहीं है। शादी के लिए अगुआ (बिचवलिया) आता है तो सड़क देखकर बोलता है कि हम लोग शादी नहीं करेंगे। क्योंकि सड़क नहीं होने की वजह से कीचड़ हो जाता है तो बारात नहीं आ पाएगा। इसलिए दूसरे गांव चमरपुर में जाकर शादी करना पड़ता है। जिसके लिए लाख दो लाख रुपया ज्यादा खर्च हो जाता है। अगर लक्ष्मणपुर में ही शादी करते तो बाहर लगने वाले किराए नहीं लगते। उन्होंने बताया कि उनके घर में पांच बेटी है, जिनमें से एक की ही शादी हो पाई है। चार बेटियों की शादी नहीं हुई है।
सड़क नहीं होने से शादी में दिक्कत
लता देवी ने बताया कि उसकी शादी भी चमरपुर गांव जाकर करनी पड़ी थी। जिसमें बहुत खर्च हुआ था। हमलोग चाहते है कि गांव में सड़क बन जाए, ताकि शादी विवाह में दिक्कत नहीं हो। लता देवी के पति मजदूरी करते है। ऐसे में बाहर जाकर ज्यादा खर्च करके शादी करना मुश्किल होता है। वहीं शारदा देवी ने बताया कि सड़क नहीं होने की वजह से शादी में दिक्कत होता है। पानी लग जाता है जिसकी वजह से कीचड़ बन जाता है। घर में चार बेटियों में से दो की शादी हुई है। दोनों बेटियों की शादी चमरपुर गांव से की थी। लेकिन अब चाहती हूं कि अपने गांव से ही शादी करूं, ताकि बेटियों को उन पैसों से कुछ दिया जा सकें।
बेटियों की नहीं हो रही शादी
शैल कुमारी देवी ने बताया कि उनकी बेटियों के रिश्ता आ रहा है लेकिन सड़क नहीं होने की वजह से कोई शादी नहीं करना चाहता है। जिसकी वजह से रिश्ता नहीं हो पा रहा है। अब शादी किसी रिश्तेदार के यहां जाकर तो नहीं करेंगे न, गांव में अगुआ भाग जा रहा है। अब तक लगभग आठ नौ लोग शादी के लिए आए, लेकिन कोई राजी नहीं हुआ। वहीं गांव की बुजुर्ग महिला राजापति ने बताया कि कोई भी आता है तो बोलता है यहां शादी नहीं करेंगे। लेकिन अब शादी तो करना ही है तो लोग बाहर जाकर शादी करते है।
ज्यादातर लड़कियों कुंवारी
वहीं गांव के मुखिया पति अनिल सिंह ने बताया कि लक्ष्मणपुर और चमरपुर के बीच 350 मीटर और गांव के अंदर लगभग एक किलोमीटर सड़क बना ही नहीं है। गांव के अंदर लगभग दो सौ से लेकर ढाई सौ मीटर सड़क बना हुआ है। जब आरके सिंह सांसद थे तो उन्होंने ही इस सड़क को बनवाया था। लेकिन आगे किसी कारणवश सड़क नहीं बन पाया तो फंड वापस हो गया। उन्होंने बताया कि लगभग दस से ज्यादा घरों की लड़कियों की शादी सड़क नहीं होने की वजह से हो पाया है। क्योंकि यह क्षेत्र बाढ़ पीड़ित है। यहां सबसे पहले बाढ़ आती है और सबसे देर से बाढ़ का पानी निकलता है। ऐसे में सड़क नहीं होने की वजह से शादी नहीं होती बारात नहीं आ पाता है जिसकी वजह से बाहर गांव में जाकर शादी करनी पड़ती है।
गांव में प्रवेश करने के लिए सड़क नहीं
वहीं अगर बात करें तो यह क्षेत्र में बड़े बड़े नेताओं का बोल बाला रहा है। उसके बाद भी यह क्षेत्र पिछड़ों की मार खा रहा है। शिवनंद तिवारी, राहुल तिवारी, विशेश्वर ओझा समेत अन्य नेता शाहपुर की विरासत संभाल चुके है। मौजूदा विधायक राहुल तिवारी है, जिन्होंने पिछले दो टर्म से शाहपुर से राजद के सीट से जीतते आ रहे है। लेकिन इस गांव को बदल नहीं पाए। गांव में प्रवेश करने के लिए सड़क नहीं है। कुछ दूर अन्दर गांव में सड़क बनी है। उसके बाद फिर सड़क नहीं है। जहां सड़क नहीं है वहां कीचड़, गढ्ढे बने हुए है। नाली नहीं है, पानी निकलने में परेशानी होती है। गढ्ढे की वजह से पैदल चलना भी मुश्किल होता है। बाइक भी लोग बाहर की खड़ा कर देते है या तो काफी मशक्कत के बाद बाइक लेकर गांव के अंदर जा पाते है।
भोजपुर से आशीष की रिपोर्ट