bihar new rail bridge construction -कोईलवर रेल पुल के समानांतर नए पुल के निर्माण की कवायद शुरू, ईसीआर ने अतिक्रमण हटाने के लिए जारी किया नोटिस
bihar new rail bridge construction -बिहार के कोईलवर में नया रेल पुल बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर पूर्व मध्य रेलवे ने यहां के लोगों को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने को कहा है। नए पुल के निर्माण की लंबे समय से जरुरत महसूस की जा रही थी।

Patna/arrah - बिहार में रेलवे के विकास की साक्षी कोईलवर के सोन नदी पर बने 163 साल पुराने रेल पुल के समानांतर नया रेल पुल बनाया जाएगा। इसको लेकर अब कवायद शुरू हो गई है। यहां नया पुल बनाने के लिए कोईलवर पुल के दोनों छोरों पर अतिक्रमण को हटाने का कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके लिए ग्रामीणों को नोटिस जारी कर तीन जुलाई तक की मोहलत दी गई है। हालांकि स्थानीय सीओ का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी नोटिस की जानकारी नहीं है।
पूर्व मध्य रेलवे ने जारी किया नोटिस
पूर्व मध्य रेल के द्वारा अतिक्रमण में बसे लोगों को आम सूचना देते हुए सार्वजनिक नोटिस चिपका दिया है। नोटिस में कोईलवर में रेलवे लाइन के दोनों तरफ बसे लोगों ने बताया कि हावड़ा-दिल्ली मेन रेल मार्ग के उत्तर में 234 फीट और दक्षिण में 237 फीट रेलवे ने अपना जमीन का दावा करते हुए कच्चा और पक्का बने मकान को हटाने का आदेश दिया है।
कोईलवर में रेलवे लाइन के दोनों तरफ बसे लोगों ने बताया कि हावड़ा-दिल्ली मेन रेल मार्ग के उत्तर में 234 फीट और दक्षिण में 237 फीट रेलवे ने अपना जमीन का दावा करते हुए कच्चा और पक्का बने मकान को हटाने का आदेश दिया है।
स्वेच्छा से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर रेलवे प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई की बात कही गई है। रेलवे द्वारा चिह्नित की गई जमीन पर अभी सैकड़ों लोग बसे हुए हैं। अतिक्रमण हटाने की नोटिस मिलते ही कोईलवर रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ बसे लोगो के बीच हड़कंप मच गया है। उनका कहना है जिस जमीन पर कई वर्षों से रह रहे है। कुछ लोगों की परती जमीन है, जिस पर वे मकान बनाना शुरू किए तो रेलवे ने आपत्ति जताते हुए निर्माण कार्य रोकवा दिया।
देश के सबसे पुराने रेल पुल में शामिल
कोईलवर पुल दानापुर रेल मंडल के हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है। इस रेल सह सड़क पुल का निर्माण 1862 में किया गया था। जिसके बाद कई साल तक यह देश के सबसे लंबा रेल पुल बना रहा। इस दो मंजिला पुल में ऊपर से रेल मार्ग और नीचे सड़क मार्ग गुजरता है। हालांकि डेढ़ सौ साल पुराने पुल के सड़क मार्ग को अब बड़ी गाड़ियों के लिए बंद कर दिया गया है। लेकिन अब यह पुल धीरे-धीरे कमजोर हो गया है। खासकर पुल के नीचे जिस तरह से अवैध बालू खनन किया गया है। उसके बाद नए पुल बनाने की जरुरत महसूस की जा रही है।
सीओ ने किया इनकार
रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने सम्बंधित कोई सूचना नहीं दी गयी है। न ही दाखिल-खारिज रोकने को लेकर रजिस्ट्री या भू-अर्जन कार्यालय में भी रोक का नोटिस दिया गया है। -प्रियंका कुमारी, सीओ, कोईलवर।