Bihar News: मंडप से सीधे परीक्षा हॉल, दुल्हन किया कमाल, सिंदुरदान के 6 घंटे बाद दे दी LLB की परीक्षा

देर रात तक चलने वाली रस्में, मंडप की हलचल, और शादी का थकाऊ माहौल इन सबके बीच जहाँ ज़्यादातर दुल्हनें आराम करती हैं, वहीं संजना ने अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता दी।...

Bride s Remarkable Feat Takes LLB Exam
मंडप से सीधे परीक्षा हॉल- फोटो : social Media

Bihar News:  बांका के बाबूटोला मोहल्ले की संजना शर्मा ने वह कर दिखाया है जो अधिकांश लोग सिर्फ कहानियों में सुनते हैं। अपनी लगन, जज़्बे और हौसले से उन्होंने एक अनोखी मिसाल पेश की है। सोमवार को संजना की शादी सॉफ्टवेयर इंजीनियर सत्य प्रकाश शर्मा से हुई। देर रात तक चलने वाली रस्में, मंडप की हलचल, और शादी का थकाऊ माहौल इन सबके बीच जहाँ ज़्यादातर दुल्हनें आराम करती हैं, वहीं संजना ने अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता दी।

शादी की रस्में मंगलवार तड़के 4 बजे पूरी हुईं और उसी समय संजना ने तय कर लिया कि अब सीधा जाना है मुंगेर, जहाँ सुबह 10 बजे उनकी LLB की सेमेस्टर परीक्षा थी। बिना आराम किए, बिना देर किए संजना मंडप से निकलकर परीक्षा केंद्र के लिए रवाना हो गईं। निर्धारित समय पर वह कॉलेज पहुँचीं और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी परीक्षा दी। इस दौरान उनके पति सत्य प्रकाश केंद्र के बाहर खड़े होकर उनका हौसला बढ़ाते रहे।

परीक्षा के बाद दोनों सीधे पटना के रूपसपुर स्थित ससुराल के लिए रवाना हुए, जहाँ शाम को रिसेप्शन पार्टी थी। यानी एक ही दिन में शादी, परीक्षा और रिसेप्शन और इस तीनों को संजना ने बेहद अनुशासन और हिम्मत के साथ निभाया।

संजना के पिता, मनोज कुमार शर्मा, जो सार्वजनिक महाविद्यालय बांका में प्रोफेसर हैं, बेटी की इस लगन पर गर्व से भर उठे। उन्होंने कहा कि हर बेटी में ऐसा ही जज़्बा होना चाहिए। संजना की मां ललिता शर्मा भी बेटी की प्रतिबद्धता से बेहद खुश और भावुक दिखीं।

संजना खुद कहती हैं कि पढ़ाई जीवन की प्राथमिकता है। शादी मेरे सपनों को रोकने वाली नहीं, बल्कि उसे आगे बढ़ाने वाली है। उनके पति सत्य प्रकाश भी पूरी तरह उनके साथ खड़े हैं। वह कहते हैं कि शिक्षा ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। मैं संजना के हर कदम पर उसके सपनों का साथ दूँगा।

संजना की यह कहानी सिर्फ एक दुल्हन की कहानी नहीं, बल्कि उन सभी बेटियों और परिवारों के लिए जीती-जागती प्रेरणा है जो सोचते हैं कि शादी के बाद करियर और पढ़ाई से समझौता करना पड़ता है। संजना ने साबित किया है कि अगर हौसला हो, तो मंडप से लेकर परीक्षा हॉल तक की दूरी कभी बड़ी नहीं होती।