Bihar Flood: बारिश का तांडव, ओढ़नी नदी पर डायवर्सन बहा, तीन प्रखंडों का बांका ज़िला मुख्यालय से संपर्क कटा, देखें तस्वीर
पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। लगातार तेज़ बारिश के कारण नदियों का जलस्तर ख़तरनाक रूप से बढ़ गया है, ....

Banka: ज़िले में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। लगातार तेज़ बारिश के कारण नदियों का जलस्तर ख़तरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे कई इलाक़ों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बुधवार रात को बांका-अमरपुर मुख्य पथ पर सैजपुर के पास ओढ़नी नदी पर बना डायवर्सन नदी के तेज़ बहाव में पूरी तरह बह गया, जिसने ज़िले की यातायात व्यवस्था को चरमरा दिया है।
तीन प्रखंडों का संपर्क टूटा, आवागमन ठप
डायवर्सन के बह जाने से अमरपुर, शंभूगंज और फुल्लीडुमर प्रखंडों का बांका ज़िला मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है। इसके साथ ही, भागलपुर और मुंगेर ज़िलों की ओर जाने वाली यातायात व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। अब इन इलाक़ों के लोगों को बांका पहुँचने के लिए एक लंबा और थका देने वाला वैकल्पिक मार्ग तय करना पड़ रहा है।
आम लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
इस घटना से सबसे ज़्यादा परेशानी स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को हो रही है। कई जगहों पर छोटे वाहन और एंबुलेंस भी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, जिससे आपात स्थिति में मरीज़ों को अस्पताल पहुँचाना मुश्किल हो गया है। यह स्थिति आम जनता के लिए बड़ी मुसीबत बनकर उभरी है।
प्रशासन ने किया दौरा, मरम्मत के निर्देश
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और अधिकारियों ने मौक़े पर पहुँचकर स्थिति का जायज़ा लिया। अधिकारियों के मुताबिक, फ़िलहाल वैकल्पिक मार्गों से आवागमन सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही, बहे हुए डायवर्सन की मरम्मत करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
नदियों में उफान, ग्रामीणों में दहशत
बांका ज़िले की प्रमुख नदियाँ—चांदन, ओढ़नी, सुखानिया—पिछले दो दिनों से उफान पर हैं। नदियों के किनारे बसे गाँवों में भी बाढ़ का ख़तरा मंडरा रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
स्थानीय ग्रामीणों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर निर्माणाधीन पुल का काम समय पर पूरा हो जाता, तो यह स्थिति आती ही नहीं। लोग डायवर्सन की कमज़ोरी पर भी सवाल उठा रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि मानसून से पहले इसकी मरम्मत नहीं की गई, जिसका खामियाज़ा अब सबको भुगतना पड़ रहा है।
चंद्रशेखर कुमार भगत की रिपोर्ट