33 दिनों की कठिन दंडवत यात्रा: सावन में लगातार आठ वर्षों से कर रही हैं 105 किमी लंबी दंडवत कांवर यात्रा, श्रद्धालुओं के लिए बनी प्रेरणा

Banka - सावन माह में शिवभक्तों की आस्था हर ओर देखने को मिलती है, लेकिन बांका जिला के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत महादेवपुर गांव की की पुतुल देवी अपनी भक्ति और संकल्प से सभी को चौंका देती हैं। वे लगातार आठ वर्षों से सुल्तानगंज से देवघर तक की 105 किलोमीटर की दूरी को दंडवत प्रणाम करते हुए तय कर रही हैं। उनकी यह कठिन यात्रा लगभग 33 से 34 दिनों में पूरी होती है।
इस बार भी पुतुल देवी ने गुरु पूर्णिमा (10 जुलाई) के दिन सुल्तानगंज से गंगाजल उठाया और दंडवत यात्रा शुरू की। अब तक वे बांका जिले के शिवलोक क्षेत्र के आसपास पहुंच चुकी हैं और निरंतर बाबा धाम की ओर बढ़ रही हैं।
इस कठिन साधना में पुतुल देवी हर दंडवत के बाद उठती हैं, हाथ जोड़ती हैं और एक-एक कदम बाबा बैद्यनाथ की ओर बढ़ती हैं। रास्ते की धूप, बारिश, थकान और धूल भी उनकी आस्था को डिगा नहीं पाती।
रास्ते में लोग रुककर उन्हें प्रणाम करते हैं, कोई जल पिलाता है तो कोई फल देकर सेवा करने का प्रयास करता है। कई श्रद्धालु उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद भी लेते हैं।पुतुल देवी कहती हैं—“यह सब बाबा भोलेनाथ की कृपा है। जब तक शरीर साथ देगा, मैं यही दंडवत यात्रा करती रहूंगी।”
पुतुल देवी के पति रामचंद्र शर्मा बताते हैं कि यह पूरी यात्रा पूर्ण संयम, संकल्प और साधना का परिणाम है। इस कठिन मार्ग को उन्होंने कभी थका देने वाला नहीं माना, बल्कि इसे अपनी आध्यात्मिक तपस्या माना है।
गौरतलब है कि इस यात्रा में न तो कोई सवारी, न आराम और न ही विश्राम की कोई सुविधा होती है। सिर्फ शरीर, आत्मबल और शिवभक्ति के सहारे यह पूरी यात्रा की जाती है। पुतुल देवी की यह 33 दिनों की दंडवत यात्रा न केवल शिवभक्ति का अनुपम उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाती है कि सच्चे संकल्प और श्रद्धा से बड़ी से बड़ी दूरी भी समर्पण के आगे छोटी पड़ जाती है।
उनकी यह साधना आज हजारों श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है और सावन के पवित्र महीने में एक जीवंत अध्यात्म का रूप ले चुकी है।
बांका से चंद्रशेखर कुमारभगत की रिपोर्ट