House rental: सावधान! मकान मालिक हो जाएं सचेत, आपके घर पर कब्जा न कर ले किरायेदार

House rental: एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो मकान मालिकों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। ....

Landlords should be alert
मकान मालिक हो जाएं सावधान- फोटो : reporter

House rental: एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो मकान मालिकों के लिए एक बड़ी चेतावनी है। बेतिया, बिहार: पश्चिमी चंपारण के बेतिया के काली बाग थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन क्वार्टर सोनार पट्टी में मकान मालिक मुकेश कुमार अपने ही खरीदे हुए मकान को खाली कराने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, क्योंकि उनके पूर्व किरायेदार अब मकान पर अपना हक जमा रहे हैं और उल्टा मकान मालिक पर ही SC-ST एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया है।

यह मामला तब शुरू हुआ जब मुकेश कुमार ने 16 अप्रैल 2025 को सुनीता कुमार से एक मकान खरीदा। इस मकान में भानु प्रताप सिंह अपने चार बेटों के साथ किराएदार के रूप में रहते थे और समय-समय पर सुनीता कुमार को किराया देते थे। कोरोना काल में भानु प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद, उनके पुत्र धीरेंद्र प्रताप सिंह और उनकी पत्नी नेहा जोशी ने सुनीता कुमार को किराया देना बंद कर दिया।

जब मुकेश कुमार ने सुनीता कुमार से मकान खरीदा था, तभी मकान खाली कराकर देने की बात तय हुई थी। धीरेंद्र प्रताप सिंह और उनकी पत्नी नेहा जोशी ने उस समय बहाना बनाते हुए कहा था कि वे जल्द ही मकान खाली कर देंगे, क्योंकि वे किराएदार हैं। लेकिन आज तक उन्होंने मकान खाली नहीं किया।

जब मुकेश कुमार और उनके परिजनों ने दबाव बनाया और मकान खाली कराने के लिए कालीबाग थाना में आवेदन दिया, तो किरायेदार धीरेंद्र प्रताप सिंह और नेहा जोशी ने बेतिया कालीबाग थाने में अपने तरफ से मुकेश कुमार और उनके परिजनों पर SC-ST एक्ट का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करा दी। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने ही लोगों से मकान पर ईंट-पत्थर चलवाकर तोड़फोड़ की और मुकेश तथा उनके परिजनों को नामजद करते हुए कालीबाग थाने में एक और प्राथमिकी दर्ज करा दी।

मुकेश कुमार ने मकान खाली कराने के लिए इससे पहले कालीबाग थाना, बेतिया सदर डीएसपी और यहां तक कि एसपी बेतिया को भी आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी। लेकिन उनके आवेदनों को दरकिनार कर, किरायेदार द्वारा दिए गए आवेदन पर ही FIR दर्ज करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है और इसे "पुलिसिया दबंगई" का उदाहरण माना जा रहा है।

एक तरफ जहां सरकार और बिहार पुलिस विभाग के डीजीपी पुलिस और पब्लिक के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने की बात करते हैं, वहीं बेतिया की काली बाग में पुलिस द्वारा की गई यह एकतरफा कार्रवाई पुलिस की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगा रही है। मकान मालिक मुकेश कुमार और उनके परिजन अब न्याय के लिए भटक रहे हैं। 

रिपोर्ट- आशीष कुमार