Bihar Police Recruitment: नतीजे के आगे हार गई जिंदगी! बिहार पुलिस की फाइनल मेरिट लिस्ट नाम न आने पर 25 वर्षीय युवक दे दी जान
Bihar Police Recruitment: गोपालपुर के पंचानंद चौधरी ने बिहार पुलिस चयन सूची में नाम न आने पर आत्महत्या कर ली। यह घटना युवाओं पर परीक्षा दबाव और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी की सच्चाई को उजागर करती है।

Bihar Police Recruitment: बिहार के भागलपुर में स्थित गोपालपुर थाना क्षेत्र के सैदपुर पंचायत के गोढियारी निवासी 25 वर्षीय पंचानंद चौधरी ने आत्महत्या कर ली। वह बिहार पुलिस की फाइनल मेधा सूची में चयनित नहीं हो सका, जबकि उसने पहले की सभी परीक्षाएं उत्तीर्ण कर ली थीं।
पंचानंद चौधरी ने सैदपुर, गोढियारी में स्थित घर की पहली मंजिल पर जाकर फांसी लगा ली। ये दर्दनाक फैसला बिहार पुलिस फाइनल सूची प्रकाशित होने के दिन लिया गया। परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मामलों को संज्ञान में लेते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परीक्षा प्रणाली या मानसिक दबाव: असली दोषी कौन?
भारत में प्रतियोगी परीक्षाएं केवल एक शैक्षणिक प्रक्रिया नहीं रह गई हैं—वे समाज, परिवार और स्वयं के सपनों का भारी बोझ बन गई हैं।बार-बार के परीक्षा स्थगन, रिजल्ट में देरी और भ्रष्टाचार की अफवाहें युवा मन को तोड़ देती हैं।फाइनल सूची से बाहर हो जाना, भले ही परीक्षाएं पास की हों, एक बहुत बड़ा झटका होता है।समाज और परिवार का "अब क्या करेगा?" जैसा रवैया अवसाद को और गहरा करता है।