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Bihar 1st Expressway: बिहार का पहला एक्सप्रेसवे, हाइटेक तकनीक युक्त, इतने शहरों और गांव की बदल जाएगी किस्मत..

Bihar 1st Expressway - नए साल में बिहार के पहले एक्सप्रेसवे का लाभ लोगों को मिलने लगेगा। उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़नेवाले एक्सप्रेसवे से न सिर्फ रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। बल्कि यात्रा की अवधि भी आधी हो जाएगी।

Bihar 1st Expressway:  बिहार का पहला एक्सप्रेसवे, हाइटेक तकनीक युक्त, इतने शहरों और गांव की बदल जाएगी किस्मत..
2025 में बिहार को मिलेगा पहला एक्सप्रेसवे- फोटो : NEWS4NATION

PATNA  - यातायात के नजरिए से बिहार के लिए नया साल बेहद खास होगा। जहां पटना में मेट्रो रेल की सुविधा लोगों को मिलनी शुरू हो जाएगी। वहीं बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे भी मिल जाएगा। जो दरभंगा से बेला नवादा से गया के आमस के बीच बनेगा। एक्सप्रेसवे की लंबाई 189 किमी की होगी। भारतमाला परियोजना के तहत NHAI इसका निर्माण कर रहा है। यह छह लेन का एक्सप्रेसवे 2025 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। इससे बिहार के परिवहन तंत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

मार्ग के पास घर निर्माण व कार्यालय खोलने के लिए लोग इच्छुक होंगे। आवागमन की सुविधा बढ़ेगी। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। एक्सप्रेस-वे किनारे ढाबे का व्यापार रोजगार का प्रमुख साधन है। कृषि प्रधान इस इलाके में नगदी फसल की खेती को बढ़ावा मिलेगा। लोग सीधे अपने उत्पाद को एक्सप्रेसवे के माध्यम से उत्तरी बिहार के इलाके में पहुंचा सकेंगे। एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से हाईटेक बनाया जा  रहा है। कई नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिसे पहले इस्तेमाल नहीं किया गया है।

उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे

दरभंगा-आमस एक्सप्रेसवे बनने के बाद दक्षिण और उत्तर बिहार के बीच की दूरिया भी खत्म हो जाएगी। यह एक्सप्रेसवे राज्य के सात जिलों - गया, औरंगाबाद, पटना, दरभंगा समेत अन्य जिलों से होकर गुजरेगा। इससे 19 शहर आपस में जुड़ेंगे। जिसमें आमस, रामनगर, सबलपुर, चकसिकंदर, दभैच, इब्राहिमपुर, ओकरी, पभेरा, मथुरापुर, गुरारू, पंचानपुर, बेला, बहुआरा, शाहपुर बघौनी (ताजपुर), शिव नंदनपुर (बूढ़ी गंडक), बासुदेवपुर रामनगर (लहेरियासराय), बेला नवादा (दरभंगा) जैसे कई शहरों शामिल होंगे। वहीं 189 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से यात्रा का समय लगभग चार घंटे कम हो जाएगा। 

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 56 गांवों में लगभग 1300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इससे स्थानीय किसानों और व्यवसायों को फायदा होगा। जो गांव एक्सप्रेस वे से सीधे जुड़े हैं, उन गांवों की जमीन की कीमत बढ़ गई है। डेढ़ लाख प्रति कट्ठे वाली जमीन पांच लाख तक पहुंच गई है। वहीं जहां एक्सप्रेसवे से पाइंट कनेक्शन है, वहां जमीन आठ लाख तक बिक रहे हैं। 

गया जहानाबाद के इन गांवों से जुड़ेगा एक्सप्रेसवे

मखदुमपुर प्रखंड - बेरका, डकरा, कुकरी विगहा, चंदई, सोहजाना, छरियारी, जमालपुर, महेवा, कलानौर, सुमेरा रक्वी, सुनेरा, मलाठी, सुपी।

काको प्रखंड - बढ़ौना, लिलिया विगहा, मंसौरचक, महमदपुर, काजीसराय

घोसी प्रखंड - विशुनपुर,गोलकपुर,अहियासा

मोदनगंज प्रखंड - महमदपुर,करहरा,धामापुर,गंधार,किसरामपुर,हबलीपुर,चौरी,विशुनपुर ओकरी,जैतीपुर कुरुआ, मिल्की, देवरा, सदीपुर


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