PATNA - नए साल में बिहार का मत्स्य विभाग मछली के उत्पादन और उसके बिक्री को लेकर नई तैयारी कर रहा है। विभाग द्वारा मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के तहत 13 जिलों में उत्पादित होनेवाली मछलियों को दूसरे राज्यों में बेचेगी। इसके अलावा विभाग पंचायतों में मछलियों के लिए अलग बाजार भी बनाने जा रही है।
यह योजना पूर्वी बिहार के जमुई और सीमांचल के किशनगंज में चलेगी. इसके अलावा सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, वैशाली, बेगूसराय, सारण, शेखपुरा, बक्सर, गोपालगंज, अरवल, बेतिया को भी योजना के लिए चयनित किया गया है.
सीतामढ़ी के बैरगनिया और भागलपुर के पिरोहिया मछली की मांग
मत्स्य विभाग द्वारा जिन मछलियों को दूसरे राज्यों में बिक्री के लिए भेजने की योजना बनाई गई है। उनमें सीतामढ़ी के बैरगनिया और भागलपुर की पिरोहिया मछली शामिल है। इनकी मांग भी पूर्वोत्तर राज्यों में सर्वाधिक है। लेकिन इसके विपणन की योजना सरकारी स्तर पर नहीं बनी है। निजी स्तर पर ही छोटी मछलियां संग्रह कर आढ़तिया पूर्वोत्तर राज्यों में भेजी जाती हैं
कृषि रोड मैप का हिस्सा
अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों के समुचित विकास के लिए कृषि रोडमैप को चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है. इसके परिणामस्वरूप विगत दशकों से मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता में करीब तीन गुना वृद्धि हुई है. मत्स्य उत्पादन बढ़ने से इसके समुचित मत्स्य बाजार की उपलब्धता, सम्बद्ध आधारभूत संरचना का निर्माण और स्वच्छ मत्स्य विपणन की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है.
असंगठित है बिहार में मछलियों का कारोबार
राज्य का वर्तमान मत्स्य-बाजार पारम्परिक, आधारभूत सुविधाओं का अभाव और असंगठित है. सरकार ने पाया कि अधिकांश खुदरा मत्स्य बाजार खुले में लगता है, जहां अन-हाईजेनिक स्थिति में मछली की बिक्री की जाती है। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि मत्स्य संसाधनों का विकास के आधुनिक मत्स्य पालन तकनीकों का प्रसार किया जाए। मछली पालन के पूरे उत्पादन शृंखला पर कार्य किया जाए।
सरकार ने संकल्प लिया कि मछली के उत्पादन को इतना बढ़ाया जाएगा कि बिहार राज्य की मछलियां अन्य राज्यों में भी बेची जाएंगी इस योजना का उद्देश्य यह भी कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, किसानों की आय बढ़ेगी