Bihar School News : बक्सर में डीईओ के निरीक्षण में शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल, कई शिक्षक हुए निलंबित, कई पर लटकी कार्रवाई की तलवार

Bihar School News : बक्सर में डीईओ के औचक निरीक्षण में शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गया. इसके बाद दो शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीँ कई अनियमितता भी सामने आई है....पढ़िए आगे

Bihar School News : बक्सर में डीईओ के निरीक्षण में शिक्षा व्
स्कूल का औचक निरीक्षण - फोटो : SANDIP

BUXAR : जिला शिक्षा पदाधिकारी बक्सर के द्वारा जिले के विभिन्न विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें कई चौंकाने वाली अनियमितताएँ सामने आईं। निरीक्षण के क्रम में कर्तव्यहीनता, सरकारी निधि का दुरुपयोग, मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी, और विभागीय निर्देशों की अवहेलना जैसे गंभीर आरोप सिद्ध हुए हैं। मध्य विद्यालय सवना की प्रभारी प्रधानाध्यापक जुली कुमारी एवं प्राथमिक विद्यालय सांथ के प्रभारी मनोज कुमार सिंह को विभिन्न वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। आरोपों में संवेदक से मिलीभगत, मध्याह्न भोजन में उपला-लकड़ी का प्रयोग, ग्रांट की राशि का दुरुपयोग और छात्र उपस्थिति में हेराफेरी शामिल है। वहीँ राजकीय बुनियादी विद्यालय चौसा और प्राथमिक विद्यालय कठघरवा में पदस्थापित प्रभारी प्रधानाध्यापक गजेंद्र प्रसाद वर्मा पर विभागीय आदेश की अवहेलना करते हुए एक साथ दो विद्यालयों की जिम्मेदारी निभाने का आरोप है। इनके खिलाफ छात्र उपस्थिति में हेराफेरी, मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर लापरवाही सामने आई है। विभाग ने उन्हें तीन दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा है, अन्यथा अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

अखौरीपुर गोला विद्यालय की स्थिति चिंताजनक

मध्य विद्यालय अखौरीपुर गोला के निरीक्षण में पाया गया कि निर्धारित समय से पूर्व ही कक्षाओं को समाप्त कर दिया गया था। शिक्षक पढ़ाई के बजाय परिसर में घूमते मिले। पंजी अद्यतन नहीं थे, शौचालय अनुपयोगी और विद्यालय परिसर गंदगी से भरा था। साथ ही गाय-भैंस पालने के सबूत भी मिले। शिक्षिका विनीता कुमारी पर अवकाश आवेदन में व्हाइटनर से तिथि बदलने का गंभीर आरोप है, जबकि शिक्षिका शकुन्तला कुमारी पर फर्जी अवकाश लेने का संदेह जताया गया है। प्राथमिक विद्यालय ठोरा में निरीक्षण के समय तक एक भी छात्र उपस्थित नहीं पाया गया। शिक्षकों ने छात्रों को लाने का कोई प्रयास नहीं किया। वहीं, पंजी अभिप्रमाणित नहीं था और शौचालय निर्माण में भी गड़बड़ी पाई गई। विद्युत आपूर्ति को भी अवैध तरीके से जोड़ा गया था।

शिक्षा व्यवस्था की चिंतनीय तस्वीर

आज की स्थिति में जब देश ज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, ऐसे में बुनियादी शिक्षा व्यवस्था की यह तस्वीर चिंताजनक है। शिक्षकों की लापरवाही, स्कूलों में अनुशासनहीनता, और सरकारी योजनाओं में अनियमितता जैसे कारक न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, बल्कि बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डालते हैं। हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा की जा रही औचक जांच और दोषी शिक्षकों के विरुद्ध की गई त्वरित कार्रवाई यह संकेत देती है कि व्यवस्था को सुधारने की गंभीर कोशिशें जारी हैं। यह पहल न सिर्फ शिक्षा विभाग की जवाबदेही सुनिश्चित करती है, बल्कि अन्य विद्यालयों और शिक्षकों के लिए एक सख्त संदेश भी है कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि इस दिशा में निरंतर निगरानी और सुधार की प्रक्रिया बनी रही, तो निश्चित ही जिले की शैक्षणिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। बहरहाल जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी संबंधित शिक्षकों से तीन दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा है। असंतोषजनक जवाब या समय पर जवाब न देने की स्थिति में अनुशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही गई है।

Nsmch

बक्सर से संदीप की रिपोर्ट