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Bihar News: सीएम नीतीश के बक्सर दौरे से पहले गरमाई सियासत, कांग्रेस नेता का बड़ा बयान, दिखावटी-तमाशा...

Bihar News: सीएम नीतीश के बक्सर दौरे से पहले सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेता ने प्रगति यात्रा को दिखावटी और तमाशा करार दिया है। साथ ही सीएम नीतीश से अपील किया है कि वो इन बातों को ध्यान में रखें।

सीएम नीतीश
Congress leader big statement- फोटो : reporter

Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा के तहत आज बक्सर जाने वाले हैं। जहां वे जिले को कई सौगात देने की घोषणा करेंगे। लेकिन इस दौरे से पहले बिहार कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. स्नेहाशीष वर्धन पांडे ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा— "नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा – असली समीक्षा या दिखावटी तमाशा? या फिर नौकरशाहों की बंदरबांट यात्रा?" क्या सच में विकास हो रहा है या सिर्फ दिखावा? नीतीश कुमार इन दिनों लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह वाकई विकास की समीक्षा है या महज एक चमकदार आयोजन?

मुख्यमंत्री के दौरे से पहले हो रही काम

उन्होंने कहा कि, सीएम के दौरे से पहले रातों-रात सड़कें सुधारी जा रही हैं, स्कूलों की दीवारों पर नया पेंट हो रहा है, बिजली के तार बदले जा रहे हैं। अगर विकास की यही रफ्तार रोज़ होती, तो बिहार कब का विकसित हो गया होता! यात्रा जनता के लिए या जनता की परेशानी के लिए?

सीएम के दौरे से पब्लिक परेशान 

उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद, परीक्षार्थी और नौकरीपेशा लोग परेशान हैं।सड़कों पर पाबंदी, मरीजों को अस्पताल जाने में कठिनाई। व्यापारियों को नुकसान, कई दुकानों को अस्थायी रूप से बंद कराया गया। मुख्यमंत्री के गुजरते ही सब कुछ चमकता नजर आएगा, लेकिन असली समस्याएं वहीं की वहीं रहेंगी— खराब स्वास्थ्य सेवाएं, कमजोर शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगारी, राष्ट्रीय राजमार्गों पर रोज़ाना होने वाली दुर्घटनाएं और अफसरशाही की लापरवाही।

बक्सर में इन मुद्दों पर ध्यान दें सीएम 

बक्सर की असल समस्याओं तक पहुंचे मुख्यमंत्री की नजर? एनडीए और जदयू कार्यकर्ताओं से कांग्रेस का आग्रह है कि वे मुख्यमंत्री तक बक्सर की वास्तविक समस्याओं को पहुंचाएं। मुख्य मुद्दे जो ध्यान देने योग्य हैं:

1. NH-922 पर वन-वे परिचालन से रोज़ाना हादसे और जाम की समस्या।

2. गोलंबर और स्टेशन रोड पर जाम की स्थिति।

3. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के वेतन का मामला।

4. शहर में टूरिस्ट वाहनों के बजाय स्कूल बसों का संचालन सुनिश्चित करना।

5. बायपास का चौड़ीकरण।

6. घाटों का बनारस की तर्ज पर सौंदर्यीकरण।

7. बीच सड़क पर लगे ट्रांसफार्मरों और लटकते तारों को हटाना।

8. लाइट एंड साउंड सिस्टम का सौंदर्यीकरण।

9. इटाढ़ी और पांडेयपट्टी गुमटी पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण।

10. केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन आवंटित करना।

11. नौका पुलिस और घाटों पर पुलिस पेट्रोलिंग।

12. शहर में पुलिस बल की तैनाती, विशेषकर स्टेशन रोड, गोलंबर और बाजार क्षेत्रों में।

13. एमवी कॉलेज में परास्नातक के अन्य विषयों की पढ़ाई शुरू कराना।

14. बिहार के विश्वविद्यालयों में फर्जी प्राध्यापकों की नियुक्ति पर जांच और कार्रवाई।

15. वोकेशनल कोर्सेज को रेगुलर करके उनमें नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करना।

इन सभी मुद्दों पर प्रशासन चुप है, क्योंकि वे अपनी कमियों को उजागर नहीं करना चाहते। जनता जानती है कि बिहार की प्रगति केवल चमक-दमक से नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत सुधारने से होगी। 

नरोत्तम की रिपोर्ट

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