New B.ED Course Start: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के तहत सरकार ने एक वर्षीय बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कोर्स को पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए होगा, जिन्होंने चार वर्षीय स्नातक (ग्रेजुएशन) या स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) पूरा किया है। इसके साथ ही, शिक्षक प्रशिक्षण क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
चार वर्षीय ITEP कोर्स का विस्तार
वर्तमान में इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) देश के 64 शिक्षा संस्थानों में संचालित हो रहा है। इसमें छात्रों को टीचिंग के साथ उनके पसंदीदा विषयों में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर मिलता है। अब ITEP में निम्नलिखित विशेषीकृत कोर्स जोड़े जाएंगे: योग शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत और परफॉर्मिंग आर्ट्स
NCTE की बैठक में लिए गए अहम फैसले
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की गवर्निंग बॉडी ने हाल ही में नए रेगुलेशंस 2025 को मंजूरी दी है, जो 2014 के पुराने नियमों को प्रतिस्थापित करेंगे।
1 वर्षीय बीएड कोर्स होगा शुरु
एक वर्षीय बीएड कोर्स- वे छात्र इस कोर्स के लिए पात्र होंगे, जिन्होंने चार वर्षीय स्नातक या स्नातकोत्तर पूरा किया हो। यह कोर्स 2025 से शुरू किया जाएगा। दो वर्षीय बीएड कोर्स का चरणबद्ध समापन- 2024 से दो वर्षीय बीएड कोर्स में नामांकन बंद कर दिया गया है। 2030 तक इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। ITEP का अनिवार्यकरण- चार वर्षीय ITEP कोर्स अब बीए-बीएड, बीकॉम-बीएड और बीएससी-बीएड के लिए लागू होगा।
छात्रों के लिए लाभ
कम समय और खर्च- एक वर्षीय बीएड कोर्स से छात्रों को कम समय और खर्च में शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा। निजी कॉलेजों में फीस 1.5-2 लाख रुपये तक होती है, जो अब घटने की संभावना है।
बेहतर प्रशिक्षण
नए कोर्स और रेगुलेशंस के जरिए शिक्षक शिक्षा को अधिक व्यावहारिक और आधुनिक बनाया जाएगा।
बिहार में स्थिति
बिहार में वर्तमान में करीब 350 बीएड कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें चार वर्षीय ITEP कोर्स केवल 4 संस्थानों में उपलब्ध है। अब इस कोर्स को अन्य विषयों और संस्थानों में विस्तारित किया जाएगा।
नए बदलाव का उद्देश्य
शिक्षा क्षेत्र में इन बदलावों का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षक तैयार करना और शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक बनाना है। NEP 2020 के तहत, भारत में शिक्षक शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।