Bihar News: बिहार के बेलगाम अंचल अधिकारियों पर लगाम लगाने की कोशिश जारी है. हालांकि अब तक सारी कोशिश विफल ही रही है. तमाम प्रयास विफल होते देख सरकार ने अंतिम तीर चला है. गंभीर आरोपों में घिरे वैसे अंचल अधिकारी जिन्हें निलंबित किया गया हो और विभागीय कार्यवाही चल रही हो, उन्हें अब सीओ नहीं बनाया जायेगा. जब तक विभागीय कार्यवाही पूर्ण नहीं हो जाती है, अंचल अधिकारी नहीं बनेंगे. निलंबित किए गए तत्कालीन तीन अंचल अधिकारियों को सरकार ने निलंबन मुक्त तो कर दिया है लेकिन उन्हें सीओ नहीं बनाया जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से 30 सितंबर को यह संकल्प जारी किया गया है.
सिवान जिले के महाराजगंज अंचल के तत्कालीन प्रभारी अंचल अधिकारी रवींद्र राय के खिलाफ जिलाधिकारी ने 27 नवंबर 2023 को आरोप पत्र गठित कर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को दिया था. जिसमें कोर्ट से संबंधित दायित्वों का निष्पादन सही तरीके से नहीं करने, भूमि विवाद से संबंधित जिला स्तरीय बैठक में अनुपस्थित रहने, राजस्व संबंधी कार्यों में लापरवाही बरतने समेत अन्य गंभीर आरोप थे. इसके बाद विभाग ने 8 जनवरी 2024 को अंचल अधिकारी रविंद्र राम को निलंबित कर दिया. 27 अगस्त 2024 को राजस्व सेवा के निलंबित पदाधिकारियों के संबंध में विभागीय स्तर पर समीक्षा बैठक की गई. जिसमें अंचल अधिकारी रविंद्र राम को निलंबन मुक्त करने के बाद अनुशासनिक कार्रवाई निष्पादित होने तक अंचल अधिकारी के पद पर पदस्थापित नहीं किए जाने की अनुशंसा की गई. रिपोर्ट के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आरोपी अंचल अधिकारी रविंद्र राम को निलंबन मुक्त कर दिया है. लेकिन उन्हें सिवान के समाहर्ता कार्यालय में योगदान देकर अगले आदेश तक पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहने को कहा है. राजस्व भूमि सुधार विभाग की तरफ से कहा गया है कि जब तक अनुशासनिक कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक ये अंचल अधिकारी के पद पर पदस्थापित नहीं किए जाएंगे.
इसी तरह से औरंगाबाद सदर के तत्कालीन अंचल अधिकारी अंशु कुमार सिंह के खिलाफ जिलाधिकारी ने 19 सितंबर 2023 को आरोप पत्र गठित कर विभाग को दिया था. जिसमें इनके खिलाफ गंभीर आरोप थे. 3 नवंबर 2023 के प्रभाव से अंशु कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया.विभागीय समीक्षा में इन्हें निलंबन मुक्त करने की सिफारिश की गई, लेकिन फिर से सीओ नहीं बनाए जाने की सिफारिश की गई. इसके बाद इन्हें निलंबन मुक्त किया गया है, लेकिन जब तक विभागीय कार्यवाही पूर्ण नहीं हो जाती, इन्हें अंचल अधिकारी के पद पर पदस्थापित नहीं करने का निर्णय लिया गया है. निलंबन से मुक्ति के बाद इन्हें औरंगाबाद समाहर्ता कार्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया है.
वहीं, तीसरे अंचल अधिकारी हैं भभुआ के तत्कालीन अंचल अधिकारी तारा प्रकाश. कैमूर के जिलाधिकारी ने 15 मई 2023 को आरोप-पत्र गठित कर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को उपलब्ध कराया था. जिसमें ऑनलाइन जमाबंदी में गड़बड़ी करने समेत कई अन्य गंभीर आरोप थे. इसके बाद 12 अक्टूबर 2023 के प्रभाव से तारा प्रकाश को निलंबित कर दिया गया. इन्हें भी निलंबन मुक्त किया गया है और कैमूर समाहर्ता कार्यालय में योगदान देकर पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखा गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि विभागीय कार्यवाही के पूर्ण होने तक तारा प्रकाश को अंचल अधिकारी के पद पर पदस्थापित नहीं किया जाएगा.