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Bihar News: बिहार में 'मौत की खिचड़ी' से तीसरी मौत, खिचड़ी खाने से शेल्टर होम की 13 लड़कियां हुई थी बीमार..2 की मौत हो चुकी है पहले...

पटना के एक शेल्टर होम में पिछले सप्ताह खिचड़ी खाने के बाद तीन बच्चियों की मौत हो गई है. इस घटना ने एक बार फिर सरकारी संस्थानों में चल रही लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

'Khichdi of death' in Bihar
बिहार में 'मौत की खिचड़ी'- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar News: पटना के पटेलनगर स्थित एक शेल्टर होम में पिछले सप्ताह खिचड़ी खाने के बाद तीन बच्चियों की मौत हो गई है। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी संस्थानों में चल रही लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं. 7 नवंबर को खिचड़ी खाने के बाद शेल्टर होम में रह रही बच्चियों की तबीयत बिगड़ गई थी. एक बच्ची की मौत उसी दिन हो गई थी, दूसरी की मौत 10 नवंबर को हुई, और तीसरी अभी भी गंभीर हालत में है. बाकी बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

क्या थी वजह?

प्रारंभिक जांच में खाद्य विषाक्तता की बात सामने आई है, लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है। खाद्य परीक्षण रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। शेल्टर होम के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।

कर्मचारियों की लापरवाही?

शेल्टर होम में रहने वाली बच्चियां मानसिक रूप से विक्षिप्त थीं और उनके पास कोई सहारा नहीं था. ऐसे में उनकी देखभाल के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों की लापरवाही की बात सामने आ रही है. शेल्टर होम में खाने-पीने की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी.शेल्टर होम की क्षमता 50 है और वर्तमान में 45 लड़कियां रह रही हैं। यहां रहने वाली सभी लड़कियां मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और इनका कोई सहारा नहीं है।शेल्टर होम दिव्यांगजन निदेशालय, पटना द्वारा वित्त-प्रदत्त है. फूड चार्ट के अनुसार, लड़कियों को नियमित रूप से संतुलित भोजन दिया जाना चाहिए था.

शेल्टर होम में खाद्य सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया गया. प्रशासन की ओर से इस मामले में देरी से कार्रवाई की गई. शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों को बेहतर देखभाल नहीं मिल रही थी.

प्रशासन की कार्रवाई

पटना के जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि जांच टीम ने रिपोर्ट सौंपी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.पुलिस ने 13 नवंबर को पहली बार शेल्टर होम पहुंचकर पूछताछ की.

सबसे बड़ा सवाल  है क्या शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों की जान जानबूझकर खतरे में डाली गई थी?क्या प्रशासन ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी निभाई?क्या शेल्टर होम में रहने वाली अन्य लड़कियां सुरक्षित हैं?





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