Bihar Police : फर्जी एनकाउंटर के एक मामले में बिहार के एक पूर्व थाना प्रभारी को आजीवन कारावास और एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्णिया जिले के बरहरा थाने के पूर्व थाना प्रभारी मुखलाल पासवान को फर्जी मुठभेड़ मामले में आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। फर्जी एनकाउंटर का यह मामला वर्ष 1998 का है.
सीबीआई की विशेष अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार ने बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी पाए गए पासवान को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। पासवान को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 201, 193 और 182 के तहत दोषी करार दिया गया। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अदालत ने एक अन्य आरोपी पूर्व सब इंस्पेक्टर (एसआई) अरविंद कुमार झा को भी आईपीसी की धारा 193 के तहत पांच साल के कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया और जुर्माना अदा न करने पर उन्हें छह महीने का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।
आरोपों के अनुसार, पुलिस ने जगदीश झा के आवास पर छापा मारा और संतोष कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी, जिसे बाद में मुठभेड़ करार दिया गया। मामला पहले सीआईडी को सौंपा गया और बाद में फर्जी मुठभेड़ का मामला होने के संदेह के बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया।