Bihari youth in trap of beauty: बिहार में पिछले 11 महीनों में 35,677 किशोर साइबर अपराधियों के निशाने पर आए हैं। यह आंकड़ा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दर्ज शिकायतों से सामने आया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित इस हेल्पलाइन से पता चला कि अधिकतर किशोर सोशल मीडिया और बैंक खातों से जुड़े साइबर फ्रॉड के शिकार हुए।
लड़कियों के नाम पर ठगी का खेल
साइबर ठग अक्सर लड़कियों के नाम का उपयोग करके किशोरों को अपने जाल में फंसाते हैं। चाइल्ड हेल्पलाइन के अनुसार, यह एक बड़ी समस्या बन गई है। ठग सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं और किशोरों से दोस्ती कर उन्हें पैसे देने के लिए मजबूर करते हैं। कई किशोर डर के कारण अपने परिवार को इस बारे में जानकारी नहीं देते।
ब्लैकमेलिंग से बढ़ा खतरा
आयोग के अनुसार, 8,000 से अधिक किशोर ब्लैकमेलिंग का शिकार हुए हैं। ठग लड़कियों के रूप में बात करके किशोरों का विश्वास जीतते हैं और फिर बैंक खाते की जानकारी लेकर पैसे ऐंठ लेते हैं।
सोशल मीडिया पर सक्रिय किशोरों को अधिक खतरा
साइबर अपराधियों ने सोशल मीडिया पर सक्रिय किशोरों को निशाना बनाया। लगभग 5,000 किशोर सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें या जानकारी साझा करने के कारण ठगी के शिकार हुए। अपराधी फर्जी प्रोफाइल बनाकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं।
ठगी के मामलों में पटना शीर्ष पर
पटना में साइबर ठगी के सबसे अधिक 8,865 मामले दर्ज हुए। इसके बाद भागलपुर (7,532), मुजफ्फरपुर (5,448), गोपालगंज (4,432), और सिवान (3,542) में मामले सामने आए। मधुबनी, वैशाली, सीतामढ़ी, अरवल, और रोहतास में भी कई किशोर ठगी का शिकार बने।
साइबर ठगी रोकने के लिए जागरूकता की जरूरत
साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए किशोरों और उनके परिवारों को जागरूक करने की आवश्यकता है। साइबर सुरक्षा उपाय अपनाने और फर्जी प्रोफाइल से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है।