DARBHANGA - फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने को लेकर दरभंगा डीटीओ(जिला परिवहन अधिकारी) शशि शेखराम की मुश्किलें बढ़ गई है। उनके खिलाफ जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर डीएम राजीव रौशन ने कानूनी और विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन कर्मियों पर भी कार्रवाई करने के लिए कहा है, जिन्होंने इस फर्जीवाड़े में डीटीओ का साथ दिया था।
डीएम के निर्देश के बाद अब डीटीओ शशि शेखराम के साथ डाटा इंट्री ऑपरेटर रुपेश कुमार, प्रोग्रामर विक्रमजीत प्रताप और प्रभारी सहायक कुमार गौरव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
डीटीओ पर क्या है आरोप
दरअसल, डीटीओ शशि शेखराम पर आरोप था कि वह मधुबनी में बैठकर दरभंगा में ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर रहे थे। साथ ही एक ही लाइसेंस नंबर का इस्तेमाल कर बिहार, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड में अलग-अलग नाम, जन्मतिथि और पते के साथ फर्जी लाइसेंस जारी किए गए हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला
यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी उन्होंने खतरे में डाल दिया। उन्होंने हिंदूओं को मुस्लिम और मुस्लिम को हिंदू दिखाकर पहचान बदली गई। यह मामला इसलिए भी गंभीर माना जा रहा है कि क्योंकि फर्जी लाइसेंस का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों, नागरिकता, मानव तस्करी और अन्य गैरकानूनी कार्यों में हो सकता है।यह न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
जांच टीम की रिपोर्ट पर कार्रवाई
डीटीओ के इस फर्जीवाड़े को लेकर मामला सामने आने के बाद डीएम ने चार सदस्यीय टीम गठित की थी, इस समिति में अपर जिला परिवहन पदाधिकारी (एडीटीओ) स्नेहा अग्रवाल, मोटरयान निरीक्षक सिद्दार्थ शंकर त्रिपाठी और सतीश कुमार के अलावा प्रोग्रामर सोनी कुमारी शामिल थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट डीटीओ पर लगे आरोपो को सही बताया। जिसके बाद डीएम ने डीटीओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया