Lucknow Bank Loot Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट के मटियारी में पुलिस चौकी से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की दीवार काटकर बीते शनिवार–रविवार की दरमियानी रात लुटेरो ने 42 लॉकर से गहने लूट लिए थे। बैंक डकैती की जानकारी मिलते ही कोहराम मच गया। यूपी पुलिस ने इसे चैलेंज के तौर पर लिया और ताबड़तोड़ मामले की जांच की शुरुआत करते हुए बैंक के सीसीटीवी को खंगाला शुरू किया तो पता चला कि बैंक में लगे 7 में से सिर्फ 2 कैमरे ही चालू है। बारीकी से जब इसका अवलोकन किया तो कुछ चेहरे नजर आए पर शुरुआती जांच में इनको किसी ने नहीं पहचाना। यानी कांड में शामिल बदमाशों की पहचान सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती थी।
एक कॉल और यूपी पुलिस ने कर दिया पदार्फाश
बैंक लुट के दौरान की जब पूरी सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने बेहद बारीकी से खंगाला तो एक जगह एक लुटेरे को मोबाइल से बातचीत करते स्पॉट किया। यही वो अहम फुटेज था जो पुलिस खातिर अहम सुराग बना। पुलिस ने फौरन चिनहट के मटियारी इलाके का मोबाइल टावर के जरिए डेटा डंप निकाला और रात के उस पहर के उन नंबरों को शॉर्ट लिस्ट कर लिया जो इलाके में विशेषकर उस लोकेशन पर एक्टिव थे।उन नंबरों के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई और शातिरों की पहचान हो गई। दअरसल, बैंक अंदर से अरविंद मोबाइल से बाहर खड़े चोरों से बात कर रहा था। लिहाज़ा बाहर खड़े चोरों के भी नंबर मिले और उनकी भी जानकारी मिल गई। फिर क्या था पुलिस की विभिन्न टीमों ने एक्शन में आकर काण्ड का उद्भेदन कर दिया ।
48 घंटे में मिली सफलता
स्पेशल टीमों ने टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए सबसे पहले चोरी के कुछ घंटों में ही लखनऊ में एक एनकाउंटर में तीन चोर गिरफ्तार हुए, जिसमें अरविंद कुमार के पैर में गोली लगी। उसके साथी बलराम और कैलाश भी पकड़े गए। अरविंद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूरे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए काण्ड में शामिल सभी के बाबत पुख्ता जानकारी हासिल करते हुए सभी की गिरफ्तारी की कवायद ताबड़तोड़ शुरू कर दी। नतीजतन लखनऊ में इंडियन ओवरसीज बैंक में सेंधमारी कर लॉकर तोड़कर करोड़ों के जेवरात चोरी के मामले का महज 48 घंटे में खुलासा कर दिया। साथ ही बिहार के 3 अपराधियों को एनकाउंटर में ठोक दिया। जिसमें एक अरविंद कुमार अस्पताल में इलाजरत है। वहीं 2 की मौत हो चुकी है। वही पुलिस दो आरोपियों की तलाश लगातार छापेमारी कर रही है।
एक साल पहले बनाया प्लान लूटेंगे बैंक
23 दिसंबर 2024 की दरमियानी रात राजधानी लखनऊ में बैंक लूटने की प्लानिंग में पहले एनकाउंटर के बाद अरविंद समेत 3 अपराधी गिरफ्ता हुए। इनमें कैलाश बिंद पुत्र पुनीत बिंद निवासी ग्राम-बउअरी,पोस्ट-खेराडोरा,थाना- हवेली खड़कपुर,जिला-मुंगेर को भी धर दबोचा गया। पूछताछ में इसने बताया कि दरअसल, इस बैंक रॉबरी की साजिश एक साल पहले पंजाब के जालंधर जेल में रची गई थी। उस वक्त बैंक चोरों के गिरोह का सरगना कैलाश बिंद और लखनऊ का विपिन वर्मा जालंधर जेल में बंद थे। बिहार के कई शातिर बैंक चोर उसके गिरोह में शामिल हैं। जेल में विपिन वर्मा ने ही कैलाश बिंद के साथ लखनऊ में बड़ी बैंक चोरी की साजिश रची थी। वारदात से चार दिन पहले ही चोरी में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रिक कटर और अन्य साजो सामान के साथ बिहार का गैंग लखनऊ आ गया था। विपिन ने इस गिरोह को इंदिरा नगर के एक होटल में रुकवाया था।
पहले की रेकी फिर...
फिर 4 दिन तक की गिरोह के द्वारा बैंक और आसपास के इलाके की बेहद बारीकी से रेकी की और ये जान लिया कि बैंक में सेफ्टी, सिक्योरिटी गार्ड का कोई मजबूत सिस्टम नहीं है। वारदात की रात करीब साढ़े 12 बजे बैंक के बगल के खाली प्लॉट में कूदकर दाखिल हुए चार चोर सेंध लगाकर बैंक में दाखिल हुए थे. इस दौरान तीन चोर बाहर निगरानी कर रहे थे. क़रीब साढ़े तीन-चार घंटे तक चार चोर बैंक के अंदर रहे और 42 लॉकर काट डाले।सूत्रों के मुताबिक जिन 42 लॉकर्स को काटा गया उनमें से दो खाली थे। जेवर और कीमती सामान चुराने के बाद ये गिरोह दो टोलियों में बंटकर फरार हो गया। लेकिन महज एक कॉल ने इनको पुलिस की रडार पर ला दिया और नतीजतन यूपी पुलिस 3 लोगों को ठोक दिया और वारदात का खुलासा करते हुए अब तक 7 किलो सोने और 12 किलो चांदी के जेवर बरामद कर लिया है।
पटना से कुलदीप की रिपोर्ट