Bihar News : अवैध बालू खनन का ऐशगाह बन चुके सोन नदी में बालू माफियाओं के सामने मानो शासन-प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं. बालू माफियाओं द्वारा पटना जिले में ही सोन नदी में मुख्य धारा के बीचोंबीच पानी में अवैध बांध बना दिया लेकिन खनन निरीक्षकों व सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल के एसडीओ को इसकी भनक भी नहीं लगी. हैरानी की बात है कि पटना में चार खनन निरीक्षक तैनात हैं फिर भी किसी को यह दिखाई नहीं दे रहा कि घाट संख्या- 13 , 15 , 4 एवं 5 , सोन घाट संख्या- 10 में ई सी एरिया से बाहर खुलेआम अवैध खनन जारी है. वहीं अब तो अवैध बांध तक बना दिया गया है.
सोन नदी में जिस जगह अवैध बांध बनाया गया है वह पटना जिला में सोन नदी घाट संख्या- 13 ( कटारी ) पर है. यहाँ सोन नदी में मुख्यधारा को अवरुद्ध करते हुए बालू बंदोबस्तधारी ने पानी के बीचोंबीच बांध बना दिया है. इसी तरह बालू घाट संख्या 15, बालू घाट संख्या 4 एवं 5 भी अवैध बांध वाली गतिविधियों का केंद्र बन गया है. वहीं सोन बालू घाट संख्या 10 के दक्षिण 80 मीटर ईसी एरिया से बाहर अवैध खनन जारी है. इन तमाम जगहों पर पॉकलेन द्वारा पानी के अंदर मशीन चलाया जाता है तो तमाम नियमों को ताक पर रखकर अवैध खनन जारी है.
बालू माफियाओं को लेकर स्थानीय लोगों की मानें तो सोन नदी घाट संख्या 6 के बंदोबस्तधारी ने इसे सरेंडर कर दिया. लेकिन अब यहाँ रात के अँधेरे में अवैध खनन जारी है. ऐसे में एक ओर बंदोबस्तधारी द्वारा इसे सरेंडर कर देने और उसके बाद भी अवैध खनन करने से सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है.
दरअसल, राज्य में अवैध बालू खनन पर रोक लगाने को लेकर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कई किस्म की सख्ती बरतने का निर्देश जारी किया है. वहीं पिछले दिनों ही अवैध खनन पर नजर बनाए रखने के लिए हेलीकॉप्टर से निगरानी करने की पहल शुरू करने की बातें सामने आई. बावजूद इसके अवैध खनन पर रोक लगाने और उसे नियंत्रित करने का कोई निशान पटना में सोन नदी के इन घाटों पर नहीं दिख रहा है. इसके उलट सोन नदी में अवैध बांध तक बना दिया गया है.
नहीं मान रहे एनजीटी का निर्देश
सोन नदी में अवैध बांध निर्माण से एक ओर यह अवैध खनन का केंद्र बना है, वहीं दूसरी ओर एनजीटी के दिशा निर्देशों का भी खुल्लम खुला उल्लंघन किया जा रहा है. जिस जगह पर अवैध बांध निर्माण हुआ है उससे बड़ी संख्या में जलचरों का जीवन समाप्त हो गया है.
प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप
सोन नदी में अवैध बालू खनन और अवैध बांध निर्माण के मामले में प्रशासन पर कथित रूप से मिलीभगत का आरोप लगाया गया है. खनन निरीक्षकों, बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल खगौल के सहायक अभियंता, सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल के एसडीओ की कार्यशैली पर आम लोग सवाल उठा रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन को कैसे अवैध बांध का पता नहीं चला यह भी बड़ा सवाल है.