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Bihar Expressway: बिहार को केंद्र से मिली बड़ी सौगात, इन जिलों में बनेगा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, रुट चार्ट तैयार

Bihar Expressway: बिहार को केंद्र से एक और बड़ी सौगात मिली है। बिहार में ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाया जाएगा।

 Amas Darbhanga expressway
Amas Darbhanga expressway- फोटो : social media

Bihar Expressway:  बिहार को केंद्र से एक के बाद एक बड़ी सौगात मिल रहा है। इसी कड़ी में बिहार में ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, भारत माला परियोजना के तहत आमस-दरभंगा राजमार्ग का निर्माण कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। इस राजमार्ग के निर्माण से क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का बड़ा सुधार होगा। परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग 119डी को चौड़ा किया जा रहा है, जिसमें मौजूदा एनएच-31 के साथ रामनगर से कच्ची दरगाह तक छह लेन का एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके लिए 1082.85 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है, और इस सड़क की कुल लंबाई लगभग 12.60 किलोमीटर होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी साझा की।

बंगाल और झारखंड से बेहतर होगी कनेक्टिविटी

आमस-दरभंगा परियोजना आर्थिक कॉरिडोर राष्ट्रीय राजमार्ग-02, नया एनएच-19 और राष्ट्रीय राजमार्ग-57 (नया एनएच-27) के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इससे देश के पूर्वी हिस्से में यातायात और माल ढुलाई की दक्षता में सुधार होगा, जिससे व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। भारत माला परियोजना के तहत वर्ष 2024 में एनएच-119डी का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। निर्माण कार्य में आधुनिक मशीनरी जैसे जेसीबी, पोपलेन और ट्रैक्टर का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, कार्य को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए इंजीनियर, तकनीकी विशेषज्ञ और श्रमिक दिन-रात जुटे हुए हैं। इस सड़क के निर्माण से शहरी क्षेत्रों में यातायात जाम की समस्या से राहत मिलेगी और यात्रा सुगम होगी। यह सड़क आमस से दरभंगा एयरपोर्ट तक जोड़ी जा रही है।

बिहार के सात जिलों को जोड़ेगा आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे

आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे बिहार का पहला एक्सप्रेसवे होगा, जो राज्य के गया, औरंगाबाद, पटना और दरभंगा सहित कुल सात जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा। 189 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के बनने से पटना से दरभंगा तक की यात्रा में चार घंटे की कमी आएगी। यह उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और व्यापार, रोजगार एवं आर्थिक विकास को गति देगा।

एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा एक्सप्रेसवे

भारतमाला परियोजना के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है। यह एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा, यानी प्रवेश और निकास केवल सीमित स्थानों से ही संभव होगा। इससे निर्बाध यातायात सुनिश्चित होगा और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद राज्य में परिवहन सुविधाएं और अधिक सुदृढ़ हो जाएंगी।

चार चरणों में हो रहा निर्माण कार्य

निर्माण कार्य चार चरणों में बांटा गया है। यह सड़क 189 किमी लंबी और 200 फीट चौड़ी होगी। इस पर कुल 5000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। आमस से समस्तीपुर तक – मेधा कंस्ट्रक्शन इस भाग का निर्माण कर रही है। समस्तीपुर से दरभंगा एयरपोर्ट तक – रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी इस हिस्से का निर्माण कार्य पूरा करेगी।

शहरों को जोड़ेगी नई सड़कें

भारतमाला परियोजना के तहत आमस-औरंगाबाद एनएच-119डी, लहेरियासराय-बहेड़ी मुख्य सड़क पर बहादुरपुर प्रखंड के देकुली मोड़ के पास शहर को जोड़ेगा। यहां से यह एनएच-57 में जुड़ेगा। इसके अलावा, एम्स के लिए एक फ्लाईओवर बनाया जाएगा, और एनएच-322 एकमी घाट के पास शहर को कनेक्ट करते हुए शोभन के पास एनएच में मिल जाएगा। एनएच-119डी डीलाही के निकट भी शहर को जोड़ने में सक्षम होगा। वहीं, दरभंगा-बहेड़ी-रोसड़ा एनएच-527ई भी इस राजमार्ग से जुड़ जाएगा, जिससे तीन तरफ से शहर को एनएच-57 से जोड़ा जाएगा।

उत्तर और दक्षिण बिहार की कनेक्टिविटी होगी आसान

इस सड़क के बन जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क सुगम हो जाएगा। आमस-दरभंगा एनएच, औरंगाबाद होते हुए दरभंगा और पूर्णिया की ओर जाएगा। इससे विपरीत भौगोलिक स्थिति वाले जिलों में आवागमन अधिक सुविधाजनक होगा। इसके अलावा, एनएच-77 से हाजीपुर और मुजफ्फरपुर होते हुए सोनबरसा तक सीधी सड़क उपलब्ध होगी, जिससे मधेपुरा और सहरसा जाने में भी सुविधा होगी। वहीं, एनएच-80 के माध्यम से यह भागलपुर और मुंगेर होते हुए झारखंड से बेहतर संपर्क प्रदान करेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य में परिवहन, व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी।

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