BODH GAYA - बोधगया में बौद्ध महोत्सव की शुरूआत हो गई है, जिसमें आज की खास प्रस्तुति बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ की पत्नी डा. एन विजय लक्ष्मी जो स्वय पशु एवं मत्स्य विभाग के प्रधान सचिव है उन्होंने बौद्ध महोत्सव के मंच पर यशोधरा पर आधारिक जीवनी को नित्य के रूप में प्रस्तुति दी है।वही दीर्घा में बैठे एस सिद्धार्थ स्वय अपनी पत्नी की प्रस्तुति का फोटो खींच रहे थे।
इससे पहले बौद्ध महोत्सव के आरंभ को लेकर गया डीएम एस त्यागराजन ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा बौद्ध महोत्सव की शुरुआत की गई थी,पहली बार बौद्ध महोत्सव माया सरोवर परिसर में आयोजित की गई, बदलते समय के साथ इसका आयोजन कालचक्र मैदान में होने लगा।
धीरे धीरे इसका स्वरूप बदलता गया देश के साथ ही विदेशी कलाकारों की प्रस्तुति होने लगी,खासकर दक्षिण पूर्वी एसीयायी देशों के कलाकार अपनी देश की कला संस्कृति और लोक गाथाओं पर प्रस्तुति देने लगें,जिसमें भूटान म्यांमार,श्रीलंका,थाईलैंड,कोरिया, लाओस,के कलाकार प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम में भाग लेने लगे साथ ही स्थानीय कलाकारों को भी मंच प्रदान किया गया।
बढ़ता गया महोत्सव का आकार
इस आयोजन के बदलते स्वरूप में ग्राम श्री मेला का आयोजन किया जाने लगा,जिसमें देशी कला के विरासत को बचाने के लिए पेंटिंग,मधुबनी पेंटिंग,खादी ग्राम उद्योग,सिक्की कला,के द्वारा तैयार वस्तुओं के स्टाल लगाए जा रहे है,इसके अलावे जीविका द्वारा उत्पादित वस्तुएं और विभिन्न ग्राम पंचायतों के विकास की यात्रा को भी समाहित किया गया है।
प्रभारी मंत्री ने की कार्यक्रम की शुरूआत
बौद्ध भिक्षुओं द्वारा थेराबाद और महियान परम्परा के अनुसार सूतपाठ किया गया,सूबे के पर्यटन मंत्री और गया जिला के प्रभारी मंत्री नीतीश मिश्रा और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ प्रेम कुमार के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई,उसके बाद मंचासिन अतिथियों द्वारा विदेशी कलाकारों को स्वागत किया गया और महाबोधी मन्दिर द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया गया,सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत वियतनाम के कलाकारों की प्रस्तुति के साथ हुई,उसके बाद बारी बारी से सभी कलाकार अपनी अपनी प्रस्तुति देना शुरू किया।
REPORT - SANTOSH