बिहार में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) गया को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया है। इस फैसले के बाद गया जिले में स्टील, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, मेडिकल उपकरण, फर्नीचर और हैंडलूम जैसे उद्योगों की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है।
IMC गया 1670.22 एकड़ में फैला बिहार का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बन गया है। इस परियोजना की लागत 1339 करोड़ रुपये है, जिसमें से 462 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए गए हैं। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि यह परियोजना बिहार के युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी और राज्य में औद्योगिक क्रांति की नई शुरुआत होगी।
इस इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) में नौ बड़े उद्योग लगाने की अनुमति दी गई है। इनमें कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कपड़ा उद्योग, ऑटोमोबाइल एवं ऑटो पार्ट्स निर्माण, स्टील आधारित उत्पाद निर्माण, चिकित्सा उपकरण उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उपकरण निर्माण, भवन निर्माण सामग्री उद्योग, फर्नीचर निर्माण तथा हस्तशिल्प एवं हथकरघा उद्योग शामिल हैं। इन उद्योगों के विकास से राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। इसके अलावा सरकार उद्योगपतियों को हरसंभव सुविधा प्रदान कर बिहार को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।
इस परियोजना से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। सरकार ने उद्योगपतियों एवं निवेशकों को हरसंभव सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया है। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) इस परियोजना को विकसित कर रहा है तथा जल्द ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बिहार सरकार उद्योगों के विस्तार एवं निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन नीति बना रही है। जल संसाधन विभाग एवं पर्यावरण विभाग से आवश्यक मंजूरी भी मिल गई है, ताकि इस परियोजना में कोई बाधा न आए।
राज्य सरकार लगातार बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है, जिससे बिहार में बिजली, सड़क और परिवहन जैसी सुविधाएं बेहतर हुई हैं। गया, पटना और अन्य शहरों में औद्योगिक क्षेत्र बनने से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि युवाओं को अपने ही राज्य में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।