Bihar Teacher News: बिहार में आयोजित सक्षमता परीक्षा में प्रश्नों के दोहराव और अन्य अनियमितताओं के मामले में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य शिक्षा विभाग ने परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी, सिफी डिजिटल सर्विस लिमिटेड चेन्नई को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने एजेंसी के साथ किया गया अनुबंध रद्द करते हुए यह निर्णय लिया है।
परीक्षार्थियों को हुई समस्या
शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, सिफी डिजिटल सर्विस लिमिटेड चेन्नई ने परीक्षा आयोजन में गंभीर लापरवाही बरती है, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इस लापरवाही के कारण हजारों परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मामले में अब विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।
कार्रवाई का पूरा विवरण
दरअसल, 26 अक्टूबर को एजेंसी पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई। 1 नवंबर को शिक्षा विभाग ने एजेंसी से जवाब मांगा था। 3 दिसंबर को राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद और 16 दिसंबर को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। दोनों रिपोर्ट में एजेंसी की लापरवाही की पुष्टि हुई। दोनों रिपोर्टों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सिफी डिजिटल सर्विस लिमिटेड चेन्नई ने परीक्षा आयोजन में लापरवाही बरती है। इस लापरवाही के परिणामस्वरूप परीक्षा में प्रश्न दोहराए गए और अन्य अनियमितताएं देखने को मिलीं।
एजेंसी पर लगे आरोप
इस मामले में एजेंसियों पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। जैसे सक्षमता परीक्षा में पूछे गए 150 प्रश्नों में से कई प्रश्न दोहराए गए। प्रश्न कोड में बदलाव किया गया। सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां पाई गईं। प्रश्नपत्र में कई भ्रामक तथ्य शामिल थे। परीक्षा के दौरान पर्याप्त तकनीकी और मानव संसाधनों की व्यवस्था नहीं की गई। एजेंसी की लापरवाही सामने आने के बाद एसीएस एस सिद्धार्थ ने बड़ी कार्रवाई है।
शिक्षा विभाग का कड़ा रुख
शिक्षा विभाग ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों और परीक्षाएं पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित की जाएं।
सक्षमता परीक्षा का महत्व
बिहार में लगभग 4 लाख शिक्षकों की नियुक्ति के बाद उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित की जा रही है। सक्षमता परीक्षा के पहला चरण में 1.87 लाख शिक्षक पास हुए। तो दूसरा चरण में 65,716 अभ्यर्थी सफल रहे। अब भी लगभग 1.50 लाख शिक्षक राज्यकर्मी बनने के लिए परीक्षा पास करने की प्रतीक्षा में हैं। अभी तीन और सक्षमता परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं। सक्षमता परीक्षा के पहले चरण में पास 1.87 लाख शिक्षकों की काउंसिलिंग 1 अगस्त से 15 सितंबर तक चली। 1.40 लाख शिक्षकों की काउंसिलिंग पूरी हुई। 47,000 शिक्षकों की काउंसिलिंग अभी भी बाकी है।