Ahoi Ashtami 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर, गुरुवार को धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और माता अहोई की पूजा करती हैं। मान्यता है कि जो माताएं संतान के लिए इस व्रत का पालन करती हैं, उनकी संतान का भाग्य निखरता है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का स्थायी वास होता है।
क्या है अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त?
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के अनुसार, इस साल अहोई अष्टमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:42 से 6:58 बजे तक है। कुल 1 घंटा 16 मिनट तक का यह समय माता अहोई की पूजा-अर्चना और संतान के कल्याण के लिए अत्यंत शुभ रहेगा। इस दौरान श्रद्धालु माताएं अपने बच्चों की मंगलकामना के लिए व्रत रखकर विधिवत पूजा करेंगी।
चांद-तारों के दर्शन का महत्त्व और सही समय
अहोई अष्टमी के दिन चांद और तारे देखना भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन चांद-तारों के दर्शन करने से संतान का स्वास्थ्य उत्तम रहता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस वर्ष चांद-तारों के दर्शन का समय शाम 6:06 बजे से शुरू होगा, जो संतान की सुरक्षा और उन्नति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चंद्रोदय का समय और अर्घ्य का महत्त्व
अहोई अष्टमी पर चंद्रोदय रात 11:56 बजे होगा। चंद्रमा को अर्घ्य देना इस व्रत का मुख्य भाग है, और इसके लिए मध्यरात्रि 12:00 बजे का समय सर्वोत्तम रहेगा। तिथि का समापन 25 अक्टूबर को रात 1:58 बजे हो जाएगा, इसलिए सही समय पर अर्घ्य देकर व्रत का पूर्ण फल प्राप्त किया जा सकता है।
संतान के उज्ज्वल भविष्य के लिए करें ये खास उपाय
इस विशेष पर्व पर माताएं अपनी संतान की सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं। चांद को अर्घ्य देने के साथ-साथ, इस दिन चांदी की अहोई माता की मूर्ति का पूजन और उनके चरणों में धागा चढ़ाना संतान के लिए शुभ माना जाता है।