VAISHALI : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों बिहार में यात्रा पर है। जिला दर जिला नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा पर निकले है। मकसद है गांव देहात में सरकारी योजनाओ और हालात की जमीनी हकीकत जानना और उसकी प्रगति का रिपोर्ट देखना। लेकिन यहाँ हो रहा है की CM के जमीनी हकीकत देखने से पहले ही अधिकारी पूरी की पूरी जमीन बदलने में जुटे है।
अपनी यात्रा के दौरान 28 दिसंबर को मुख्यमंत्री वैशाली पहुंचेंगे और वैशाली में विकास योजनाओ की प्रगति और जमीनी हकीकत से रूबरू होंगे। मुख्यमंत्री वैशाली के पटेढ़ी बेलसर पहुंचेंगे जहाँ सबसे पहले बेलसर स्थित स्कूल और स्कूल कैम्पस में स्थित कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में बच्चियों के छात्रावास का दौरा करेंगे। साथ ही हालात का भी जायजा लेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री के आने से पहले अधिकारी यहाँ जमीन से लेकर आसमान तक बदलने में जुटे है। कस्तूरबा विद्यालय के इस छात्रावास की दीवारों के रंगरोगन से लेकर कमरों में नए नए पंखे सेट किये जा रहे है। छात्रावास में बड़ी बड़ी LED और सोलर लाइट लगाने की तैयारी चल रही है।छात्रावास के अंदर और बाहर ताबड़तोड़ मरम्मति चल रहा है तो छात्रावास के पुराने फर्श को उखाड़ चमचमाती टाइल्सों को फिट किया जा रहा है। यानी जिस जमींनी हकीकत को देखने और समंझने को मुख्यमंत्री अपनी यात्रा पर पहुंचेंगे। उससे पहले अधिकारी पूरी जमीन को ही बदलने में जुटे है।
लेकिन इस सब के बीच संवेदनहीनता, लापरवाही और जो शर्मनाक तस्वीर सामने आई। वो ये की CM को FEEL GOOD कराने के लिए अधिकारियों ने छात्रावास की लड़कियों को अलग अलग कमरों से निकाल एक कमरे में बंद करा दिया है। छात्रावास के अलग अलग कमरों में फर्श से लेकर छत को चकाचक करने के ताबड़तोड़ इंतजाम के लिए छात्रावास की लड़कियों के गद्दे और सामान छात्रावास के छत पर फिकवा दिया गया तो रसोई को खुले में शिफ्ट करा दिया गया है। चकाचक इंतजाम जल्द तैयार हो जाए। इसके लिए छात्रावास के कमरों से बच्चियों को निकाल एक कमरे में डाल दिया गया। जहाँ ये बच्चिया भेड़ बकरियों की तरह बंद नजर आई। हालात और इंतजाम में छात्रावास में अफरा तफरी का आलम बना है। अधिकारियों के इस शर्मनाक करतूत की जब कलई खुलने लगी तो मौके पर मौजूद शिक्षा महकमे के अधिकारी भड़क गए। लेकिन सवाल जब हालात और छात्रावास की 80 से ज्यादा दलित महादलित बच्चियों को भेड़ बकरियों की तरह एक कमरे में बंद करने को लेकर हुआ तो अधिकारी बंगले झाँकने लगे। अपनी शर्मनाक करतूत से जुडी सवाल का अधिकारियों के पास कोई जबाब नहीं मिला। लेकिन सवाल कई है जिसका जबाब सिस्टम को देना होगा।