Bihar Teacher News: विधान परिषद में शिक्षकों को बड़ी जीत मिली है। विधान परिषद में शिक्षकों के मुद्दों पर हो रही बहस के क्रम में जब सत्ता पक्ष के ही एमएलसी नवल किशोर यादव ने सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों के सेवा निरंतरता से संबंधित सवाल को उठाते हुए सरकार से पूछा कि शिक्षा मंत्री यह बताएं कि एक तरफ हाल ही में बीपीएससी परीक्षा पास कर जो अभ्यर्थी शिक्षक बने उन्हें आपने सीनियर बना दिया और दूसरी तरफ नियोजित शिक्षक जो कोई 10 तो कोई 15 साल तो कोई 18 साल से सरकारी स्कूलों में शैक्षिक कार्य कर रहे हैं उसे आपने जूनियर बना दिया। सेवा निरतंता में बाधा कर आप उनके द्वारा दी गई सेवाएं के अनुभव को भी नाकार रहे हैं। दुनिया में ऐसा कोई कानून नहीं है जो पूर्व अनुभव को दरकिनार कर दें।
शिक्षकों की सेवा निरंतरता की जा रही समाप्त
उन्होंने सरकार ने पूछा कि क्य़ा सरकार शिक्षकों के पूर्व सेवा को जोड़ कर उनकी सेवा निरतंरता को बरकरार रखना चाहती है। इसी विषय पर एमएलसी डॉ. संजीव कुमार सिंह ने नवल किशोर यादव के सवाल का समर्थन करते हुए कहा कि उनका सवाल अनिर्वाय है। कहा कि जिस आधार पर नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति हुई उसी आधार पर अन्य जगहों पर भी नियुक्ति हुई। वहां आप उनके अनुभवों का लाभ आप ले रहे हैं और आप उन्हें उनके सर्विस कार्य में जोड़ भी रहे हैं। कृपया शिक्षा विभाग जानबुझ कर शिक्षकों में असंतोष पैदा करना चाहती है।
शिक्षा मंत्री का जवाब
इस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि, सरकार हमेशा शिक्षकों के हित में ही काम करती है। सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों के संवैधानिक स्थिति को भी समझना होगा। स्थानीय निकाय शिक्षकों के नियमावली भारत के संविधान के अनुच्छेद 247 (6) के तहत अधिसुचित की गई है कि जो राज्यकर्मी श्रेणाी के तहत नहीं होते इसके बावजूद सरकार सदस्यों की मांग पर विचार करेगी। विभाग हमेशा शिक्षकों के कल्याणनार्थ काम कर रही है। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों की नियुक्ति का विवरण भी पेश किया। हालांकि शिक्षा मंत्री के जवाब से असहमति दिखाते हुए एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि शिक्षा मंत्री विषयांतर हो रहे हैं।
किया जाएगा विचार
एमएलसी ने फिर सवाल उठाते हुए कहा कि आप ही के विभाग ने कहा था कि नियोजित शिक्षकों को एक परीक्षा पास करना होगा फिर उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा लेकिन यह तो नहीं कहा गया था कि उनकी सेवा निरंतरता ही समाप्त कर दी जाएगी। दुनिया में ऐसा नहीं होता है कि सेवा निरंतता ही समाप्त कर दी जाए। यूनिर्वसिटी एक्ट में भी ऐसा नहीं है। इस सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि हालांकि कानूनन ऐसा नहीं है लेकिन सदस्यों के सवाल पर विचार जरुर किया जाएगा।
पटना से वंदना की रिपोर्ट