Bihar Bhumi survey 2024: बिहार सरकार जमीन से जुड़ी जानकारी को डिजिटलाइज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, जिससे राज्य के नागरिक अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज ऑनलाइन मुफ्त में देख सकेंगे। इसके अलावा मामूली शुल्क पर डाउनलोड भी कर सकेंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने अधिकारियों को 36 प्रकार के राजस्व अभिलेखों, जैसे जमाबंदी पंजी (रजिस्टर-2) और खतियान, को शीघ्र डिजिटलाइज और स्कैन करने का निर्देश दिया है।
अब तक बिहार के 28 से 30 करोड़ दस्तावेजों में से आधे से अधिक को डिजिटाइज किया जा चुका है। इसके पूरा होने के बाद भूमि से जुड़े सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज भू-अभिलेख पोर्टल पर उपलब्ध होंगे। इससे जमीन से जुड़े कामों में हो रही कठिनाइयों का समाधान होगा और दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जा सकेगा। साथ ही, 24 जिलों के डीएम को निर्देशित किया गया है कि वे जमाबंदी पंजी को स्कैन करने और उसकी गुणवत्ता जांचने का कार्य सुनिश्चित करें। इस प्रक्रिया के तहत हरियाणा की कंपनी मेसर्स कैपिटल बिजनेस सिस्टम्स प्रालि को स्कैनिंग का कार्य सौंपा गया है।
क्या है डिजिटाइजेशन योजना?
बिहार में लगभग 28 से 30 करोड़ राजस्व दस्तावेज मौजूद हैं। इनमें से अब तक आधे से अधिक दस्तावेजों को डिजिटाइज और स्कैन किया जा चुका है। डिजिटाइजेशन का उद्देश्य पुराने और नष्ट होने की कगार पर पहुंचे दस्तावेजों को संरक्षित करना है। विभागीय समीक्षा के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने अधिकारियों को शीघ्रता से बाकी बचे दस्तावेजों को डिजिटाइज करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही स्कैन किए गए दस्तावेजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
डिजिटाइजेशन का महत्व
भूमि विवादों में कमी
नागरिकों को समय की बचत
भ्रष्टाचार में कमी
भूमि के ऐतिहासिक दस्तावेजों की सुरक्षा
कैसे कर सकते हैं पोर्टल का उपयोग?
एक बार सभी दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन पूरा हो जाने के बाद, बिहार के नागरिक अपने भूमि अभिलेख ऑनलाइन देख सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित चरण अपनाए जा सकते हैं:
पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले बिहार भूमि अभिलेख पोर्टल पर लॉग इन करें।
दस्तावेज खोजें: अपने खाते की जानकारी, जैसे खसरा नंबर या जमाबंदी नंबर दर्ज करें।
मुफ्त में देखें: सभी दस्तावेजों को मुफ्त में देखा जा सकता है।
डाउनलोड करें: मामूली शुल्क का भुगतान करके दस्तावेजों को पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।
किन दस्तावेजों का होगा डिजिटाइजेशन?
इस प्रक्रिया के अंतर्गत जमाबंदी पंजी (रजिस्टर-2), खतियान, रजिस्ट्री रिकॉर्ड्स, भूमि सर्वे रिपोर्ट्स, और अन्य महत्वपूर्ण 36 प्रकार के राजस्व दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन किया जाएगा। एक बार ये दस्तावेज स्कैन हो जाने के बाद, इन्हें एक सुरक्षित ऑनलाइन डाटाबेस में अपलोड किया जाएगा, जहां से आम नागरिक इनका उपयोग कर सकेंगे।
दस्तावेजों की क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम:
स्कैन की क्वालिटी: स्कैनिंग प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए हरियाणा की कंपनी "मेसर्स कैपिटल बिजनेस सिस्टम्स प्रालि" को यह काम सौंपा गया है।
सत्यापन प्रक्रिया: प्रत्येक स्कैन किए गए पन्ने को जिला अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दस्तावेज सही ढंग से डिजिटाइज हुए हैं।
किस तरह लाभान्वित होंगे नागरिक?
डिजिटाइजेशन के बाद, बिहार के नागरिकों को भूमि सर्वे, रजिस्ट्री, और अन्य भूमि संबंधी कार्यों में आसानी होगी। अब उन्हें बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके अलावा, यह प्रक्रिया भूमि विवादों को भी काफी हद तक कम करेगी, क्योंकि अब सभी भूमि अभिलेख ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, जिससे भूमि की स्थिति साफ-साफ पता चल सकेगी।
राजस्व अभिलेखों की सुरक्षा और संरक्षण
यह डिजिटाइजेशन योजना न केवल भूमि अभिलेखों को आम नागरिकों के लिए सुलभ बनाएगी, बल्कि इन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संरक्षण देने में भी मदद करेगी। वर्तमान में कागजी दस्तावेजों के खराब होने या खो जाने का जोखिम हमेशा बना रहता है। लेकिन डिजिटल रूप में इन्हें संरक्षित करके भविष्य में इसका सुरक्षित उपयोग किया जा सकेगा।