Railway News: बिहार के बक्सर से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां बुधवार की देर रात लगभग 1:30 बजे डुमरांव रेलवे स्टेशन पर अचानक गाड़ी संख्या 22972 बांद्रा टर्मिनस सुपरफास्ट एक्सप्रेस की जनरल बोगी के निचले हिस्से में आग लग गई। घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। यह घटना पटना-डीडीयू रेलखंड पर हुई, जो पहले भी कई हादसों का गवाह बन चुका है। घटना के दौरान ट्रेन में सवार यात्रियों की सतर्कता और रेलवे कर्मियों की त्वरित कार्रवाई के कारण एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
गहरी नींद में थे यात्री
घटना रात के उस समय हुई जब अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे। टुड़ीगंज स्टेशन पर तैनात रेलवे कर्मचारियों ने ट्रेन की जनरल बोगी के पहिए के पास से धुआं उठते देखा और तुरंत इसकी सूचना डुमरांव स्टेशन पर दी। ट्रेन को तत्काल डुमरांव स्टेशन पर रोका गया। यात्रियों ने आग की लपटें और धुआं देखकर शोर मचाना शुरू किया, जिससे अन्य लोग सतर्क हो गए। वहीं रेलवे कर्मियों ने तुरंत बोगी खाली करवाई और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। आग की सूचना मिलते ही स्थानीय अग्निशमन दल मौके पर पहुंचा और कुछ ही समय में आग पर काबू पा लिया।
पहिया और एक्सल के बीच लगी आग
मोके पर पहुँचे फायर ब्रिगेड के अधिकारी विनोद कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रेन की एलएचबी कोच में पहिया और एक्सल के बीच आग लगी थी। जिसे बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल करने से रेलवे के अधिकारियों ने मना कर दिया। जिससे कि चक्का और कूलेंट जाम न हो, जिसके बाद फायरब्रिगेड कर्मियों ने एक्सटयून्सर सिलेंडर का इस्तेमाल कर पहले बाहर से और चक्के के अंदर जाकर आग पर काबू पाया। ट्रेन के जिस बोगी में आग लगी थी उसे यही काटकर अन्य ट्रेन को तीन घण्टे बाद ट्रेन को आगे रवाना किया गया।
रेलवे की त्वरित कार्रवाई
डुमरांव में मौजूद रेलवे अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तेजी से कदम उठाए। अग्निशमन कर्मियों ने पूरी सतर्कता के साथ जनरल बोगी को अन्य कोचों से अलग किया। निरीक्षण के बाद शेष ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया।
बक्सर में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं ने यात्रियों के सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। यह घटना कोई पहली बार नहीं है। बक्सर और आसपास के रेलवे खंडों पर पहले भी कई तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। चाहे वह नार्थ ईस्ट के डिरेल होने का मामला हो या मगध ट्रेन के दो खंडों में बंट जाने का। आपको बता दें कि पटना-डीडीयू खंड पर लगातार ट्रेनों में तकनीकी खराबी की घटनाएं सामने आती रही हैं, जिससे यात्रियों को समय-समय पर असुविधा झेलनी पड़ी है। यात्री अक्सर इन हादसों से डर और असुविधा महसूस करते हैं। स्थानीय लोग और यात्री रेलवे प्रशासन पर रखरखाव में लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं।
आग लगने का संभावित कारण और जांच
इस घटना के पीछे शॉर्ट सर्किट को संभावित कारण माना जा रहा है। हालांकि, रेलवे ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। एक तकनीकी टीम घटना की विस्तृत पड़ताल कर रही है। रेलवे ने यह भी संकेत दिया है कि रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों और यात्रियों की मांग
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि ट्रेनों का नियमित निरीक्षण और रखरखाव किया जाए। अग्निशमन उपकरणों और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था हर बोगी में की जाए। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हो। दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए रेलवे कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।
सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
बहरहाल डुमरांव स्टेशन पर बांद्रा टर्मिनस सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आग लगने की यह घटना रेलवे सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह घटना बताती है कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से कदम उठाने की जरूरत है। रेलवे प्रशासन को न केवल इन घटनाओं की जांच करनी चाहिए, बल्कि उनकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए पुख्ता उपाय भी करने चाहिए। यात्रियों की सतर्कता और रेलवे स्टॉफ की त्वरित कार्रवाई ने इस बार तो बड़ा हादसा टाल दिया, लेकिन यदि सुरक्षा मानकों में सुधार नहीं किया गया, तो भविष्य में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। रेलवे को इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस नीति और संसाधनों का उपयोग करना ही होगा।
बक्सर से संदीप वर्मा की रिपोर्ट