Bihar Education News: बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक बड़ी पहल की है। जल्द ही बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की देखरेख में विशेष शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह कदम राज्य के समावेशी शिक्षा प्रयासों को मजबूती देगा।
इस पहल का उद्देश्य
दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना। मावेशी शिक्षा का विस्तार। विशेष शिक्षक, दिव्यांग बच्चों की विशेष जरूरतों को समझते हुए उन्हें ऐसी शिक्षा देंगे, जो उनके व्यक्तिगत विकास के लिए उपयोगी हो।
शिक्षा में बजट और सुधार: बिहार का बढ़ता कदम
बिहार सरकार शिक्षा पर बड़ा ध्यान दे रही है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि वर्तमान सरकार 70,000 करोड़ रुपये का बजट केवल शिक्षा पर खर्च कर रही है।
1990 बनाम 2024: बजट में वृद्धि
1990 में बिहार का कुल बजट केवल 25,000 करोड़ था। अब शिक्षा के लिए ही 70,000 करोड़ आवंटित हैं। इस बढ़ते बजट का उद्देश्य न केवल शिक्षण संस्थानों में सुधार करना है, बल्कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देकर उन्हें अधिक प्रेरित करना है।
शिक्षक प्रशिक्षण और शिक्षा स्तर सुधार
शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार ने हर साल दो बार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का महत्व
शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों से परिचित कराना। छात्रों के साथ उनके संबंधों को मजबूत करना। शिक्षा को अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बनाना। इसके साथ ही, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) को भी मजबूत किया जा रहा है, जिससे राज्य के शिक्षण का स्तर और ऊंचा उठ सके।
प्राइवेट स्कूलों के लिए कड़े नियम
शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों को नियमित करने की दिशा में भी कड़े कदम उठाए हैं। बिना रजिस्ट्रेशन वाले स्कूलों पर कार्रवाई। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के आधार कार्ड को सरकारी स्कूल से लिंक करना। यह कदम शिक्षा की पारदर्शिता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगा। भविष्य की योजनाएँ: शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए नई योजनाएँ बनाई जा रही हैं।
प्रमुख लक्ष्य
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान शिक्षा का प्रावधान।
तकनीकी शिक्षा को अधिक सुलभ बनाना।
रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का विकास।