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Bihar IAS VS JITAN RAM MANJHI: आरोप साबित करें,नौकरी से दे दूंगा इस्तीफा, बिहार के वरिष्ठ IAS अधिकारी ने दी केंद्रीय मंत्री को खुली चुनौती,अपने समय के काम का पहले करें आकलन

Bihar IAS VS JITAN RAM MANJHI - बिहार में एक सीनियर आईएएस और केंद्रीय जीतन राम मांझी आमने सामने आ गये हैं। जहां मांझी ने अधिकारी पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया है. वहीं IAS अधिकारी ने मांझी को आरोप साबित करने की चुनौती दी है।

 Bihar IAS VS JITAN RAM MANJHI: आरोप साबित करें,नौकरी से दे दूंगा इस्तीफा, बिहार के वरिष्ठ IAS अधिकारी ने दी केंद्रीय मंत्री को खुली चुनौती,अपने समय के काम का पहले करें आकलन
मांझी और सीनियर आईएएस आमने सामने- फोटो : NEWS4NATION

PATNA - बिहार में सीनियर आईएएस और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केंद्रीय मंत्री ने पंचायती राज/ अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के सेक्रेटरी देवेश सेहरा के खिलाफ कमीशनखोरी का आरोप लगाया है। वहीं दूसरी तरफ मांझी के आरोपों पलटवार करते हुए देवेश सेहरा ने मांझी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह दस साल मंत्री रहे हैं। उन्होंने क्या काम  किया यह बताने की जरुरत नहीं है। वह आरोपों को साबित करें तो मैं अपनी नौकरी छोड़ दूंगा।

गया से शुरू हुआ मामला

दरअसल गया में जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत के दौरान पंचायती राज/ अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग में चल रही कमीशनखोरी को लेकर जमकर हमला बोला। उन्होंने बताया कि कैसे विद्यालय के भवन निर्माण से लेकर बच्चों को मिलनेवाले खाने में गड़बड़ी की जा रही है और इसके केंद्र में समाज कल्याण विभाग के सेक्रेटरी हैं, जिन्हें मोटा कमीशन पहुंचाया जाता है। 

आवासीय विद्यालय के निर्माण में गिनाई कमियां

मांझी ने अपने लोकसभा क्षेत्र में  के कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि त्रिलोकी चक  में आवासीय विद्यालय में घटिया स्तर का बनाया जा रहा है। यहां नौ इंच की जगह तीन फीट पर रॉड लगाया जा रहा है। निर्माण अगर ऐसे ही हुआ तो चार साल में यह भवन गिर जाएगा। हमारे प्रतिनिधि ने इसकी जांच के लिए लिखा, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्हें बच्चों के मरने का इंतजार है।

चार साल से नहीं किया कोई काम

शेड्यूल कास्ट के सेक्रेटरी पटना में चार साल से बैठे हैं, जहां से वह सिर्फ कलम चलाते है उन्हें फुरसत नहीं है यह सब देखने का। मेरा कहना है कि सेहरा साहब सिर्फ कुर्सी पर बैठे नहीं रहिए। पूरी तरह से कमीशन का खेल चल रहा है,  जिसमें उनका भी हिस्सा होगा। जब से वह विभाग के सेक्रेटरी बने है, तब से भ्रष्टाचार का मामला बढ़ा है।

आवासीय विद्यालय में बच्चों के खाने में भी बड़ी गड़बड़ी

बाराचट्टी में मनफड़ में भी बड़ी गड़बड़ी की जा रही है। यहां बने आवासीय विद्यालय में मास्टर जाते नहीं है। 500 बच्चों क्षमता वाले विद्यालय में सिर्फ 100 छात्र हैं, जबकि 400 लोगों का फर्जी हाजिरी बनाकर उनके खाने का पैसा हड़पा जा रहा है। ऐसी स्थिति मटिहानीग गोपालगंज, भागलपुर में भी है। जिसके कमीशन का सारा पैसा देवेश सेहरा को जाता है। वह पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। 

नौकरी से दे दूंगा इस्तीफा

वहीं मांझी के आरोपों को लेकर देवेश सेहरा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह दोनों खुद दस साल मंत्री रहे हैं। उनके समय में क्या काम हुआ और मेरे समय में क्या काम हो रहा है। यह किसी से छिपा नही हैं। मेरा काम बोलता है, मुझे किसी सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं है। बिहार की जनता में किसी एक ने भी मेरे काम पर उंगली उठाई तो मैं अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं। 


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