Bihar Land Mafia : बिहार में भूमाफियाओं और सरकारी अधिकारियों के बीच गठजोड़ का एक और मामला सामने आया है। फुलवारीशरीफ के कोरजी गांव में एक रैयत की जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया है। इस मामले में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल यह मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़ित परिवार ने डीएम के यहां लोक शिकायत निवारण न्यायालय में अपील की। डीएम ने जब इस मामले में छानबीन की तो दंग रह गए।
क्या है मामला?
जानकारी अनुसार जब छानबीन की कई तो पता चला कि कोरजी गांव निवासी सुरज कुमार के जमीन की 60 साल से जमाबंदी चल रही थी, लेकिन पूर्व सीओ चंदन कुमार ने 2022 में गलत तरीके से जमाबंदी रद्द कर दी। जमाबंदी रद्द होते ही भूमाफियाओं ने इस जमीन पर कब्जा कर लिया। सुरज कुमार ने जिलाधिकारी के पास शिकायत की। जांच में पता चला कि पूर्व सीओ ने जानबूझकर गलत काम किया है। वर्तमान सीओ सुनील कुमार पर भी कार्रवाई की जा रही है क्योंकि उन्हें इस मामले की जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) को सीओ के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं।
सीओ के खिलाफ कार्रवाई शुरु
बताया जा रहा है कि डीएम ने जब सीओ से पूछा तो उसने गलत रूप से जमाबंदी कायम होने की भूल स्वीकार की। डीएम ने कहा कि आपका अपने कार्यालय पर कोई नियत्रंण नहीं है। पीड़ित ने सीओ के सामने पहले भी कई बार आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन अवैध जमाबंदी करा दी गई और आदेश में यह अंकित किया गया कि उक्त जमीन इस व्यक्ति को केवाला द्वारा बिक्री से प्राप्त है। पीड़ित ने न्यायालय में डीएम को बताया कि बिक्री करने वाले व्यक्ति की मृत्यु 30 वर्ष पहले हो गई थी। डीएम ने कहा कि यह काफी आश्चर्यजनक है।
27 दिसंबर को अगली सुनवाई
इसके अलावा जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) को फुलवारीशरीफ सीओ के खिलाफ परिवाद की सभी बिन्दुओं पर जांच करते हुए प्रतिवेदन मांगा है तथा 27 दिसंबर को अगली सुनवाई में रिपोर्ट उपस्थित करने को कहा है। जानकारी अनुसार एक अन्य मामले में बिक्रम अंचल के बाघाकोल गांव के दीपक कुमार की निजी जमीन पर पौधरोपण को लेकर बार-बार शपथपत्र और पेशा का ब्योरा मांगने के आरोप में बीडीओ पर कार्रवाई कर उससे स्पष्टीकरण मांगा गया है।