Bihar Politics: बिहार विधानसभा उपचुनाव के बाद एक ओर जहां एनडीए में जश्न का माहौल है तो वहीं दूसरी ओर महागठबंधन खेमे में मायूसी है। बिहार के चार विधानसभा सीट तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज में हुए उपचुनाव में एनडीए ने जीत का ताज पहना। चारों सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी जीते। वहीं अब उपचुनाव में मिली जीत के बाद बिहार में सत्ताधारी दल एनडीए की ताकत और बढ़ गई है। एनडीए के घटक दल जदयू, भाजपा और हम के विधायकों की संख्या बढ़ गई।
एनडीए की ताकत बढ़ी
वहीं महागठबंधन के घटक दल राजद, सीपीआई(एमएल) को बड़ा झटका लगा है। उनके विधायकों की संख्या घट गई है। वहीं अब विधायकों कमी महागठबंधन को खलेगी। महागठबंधन में इसका असर भी कुछ दिनों में दिखने लगेगा। बता दें कि 25 नंबर से बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र बुलाया गया है। कल से सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे से भिड़ेंगे। वहीं विधायकों की संख्या के कमी के बावजूद विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।
बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी
बता दें कि, बिहार विधानसभा में एनडीए 137 के आंकड़ा पर पहुंच गया है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सत्तापक्ष एनडीए अब 137 के आंकड़ा पर है तो वहीं विपक्ष के विधायकों की संख्या 106 रह गई है। बिहार में भाजपा नंबर वन की पार्टी बन गई है। दरअसल, उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी दो सीटों पर चुनाव लड़े तरारी और रामगढ़। इन दोनों सीटों को जीतने के बाद भाजपा विधायकों की संख्या 80 हो गई है पहले भाजपा विधायकों की संख्या 78 थी। वहीं बेलांगज से जदयू प्रत्याशी मैदान में थी। बेलागंज में जदयू प्रत्याशी के जीत के बाद जदयू विधायकों की संख्या 45 हो गई है। पहले जदयू विधायकों की संख्या 44 थी।
एनडीए विधायकों की संख्या-137
हम विधायकों की बात करें तो सदन में हम विधायकों की संख्या चार थी लेकिन जीतनराम मांझी के सांसद बनने के बाद इनकी संख्या तीन हो गई थी। इमामगंज से दीपा मांझी के चुनाव जीतने के बाद हम विधायकों की संख्या फिर चार हो गई है। इसके साथ ही एनडीए के खेमे में निर्दलीय सुमित सिंह भी हैं जो बिहार सरकार में मंत्री भी हैं। जबकि दूसरे निर्दलीय प्रत्याशी शंकर प्रसाद भी कई बार सीएम नीतीश के समर्थन का दावा कर चुके हैं।
इस दल के इतने विधायक
विपक्ष विधायकों की बात करें तो विपक्ष में पहले राजद विधायकों की संख्या 77 थी लेकिन बिहार सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान राजद के 4 विधायकों ने बगावत कर सत्ताधारी पक्ष का साथ दे दिया। जिससे राजद विधायकों की संख्या 73 हो गई। कांग्रेस विधायकों की भी संख्या पहले 19 है लेकिन दो विधायकों के पाला बदलने से मौजूदा विधायकों की संख्या 17 रह गई है। अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो सदन में 243 सदस्यों में भाजपा के विधायकों की संख्या 80, राजद विधायकों की संख्या -77, जदयू विधायकों की संख्या- 45, कांग्रेस विधायकों की संख्या-19, भाकपा माले के विधायकों की संख्या- 11, हम विधायकों की संख्या-4, माकपा विधायकों की संख्या-2, भाकपा विधायकों की संख्या-2, एआईएमआईएम के विधायकों की संख्या-1 तो वहीं निर्दलीय विधायकों की संख्या 2 है।