बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से देश के सभी स्टेट बार काउंसिल को पत्र भेज शहरी क्षेत्र के जूनियर वकीलों को कम से कम 20 हजार रुपये प्रति माह (बीस हजार रुपये), वही ग्रामीण क्षेत्र के जूनियर वकीलों को 15 हजार रुपये प्रति माह स्टाइपेंड के रूप में देने के बारे में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बीसीआई ने कहा है कि सीनियर एडवोकेट और लॉ फॉर्म अपने यहां कार्यरत जूनियर वकीलों को उनके यहां काम करने की तारीख से कम से कम तीन वर्षों तक यह राशि देना होगा।
वितीय सहायता के अलावा उन्हें वकालत पेशा में कौशल विकसित करने,अदालती कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने, कानूनी शोध केस का मसौदा तैयार करने और केस में रणनीति बनाने में सम्मलित करने को भी कहा है।बीसीआई ने स्पष्ट किया कि इस पत्र को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए ।
यह जूनियर वकीलों के विकास का एक अनिवार्य हिस्सा है।बीसीआई ने सीनियर वकीलों एवं लॉ फॉर्म को अपने यहां जूनियर वकील को रखने के पूर्व एक औपचारिक नियुक्ति पत्र जारी करेंगे,जिसमे स्टाइपेंड की शर्त नियुक्ति की अवधि और अन्य शर्तो का जिक्र स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए।
बीसीआई ने स्पष्ट किया कि जूनियर वकील को स्टाइपेंड नहीं मिलने पर इसकी शिकायत स्टेट बार काउंसिल से कर सकते हैं।शिकायत पर स्टेट बार काउंसिल बीसीआई के साथ समन्वय कर शिकायतों का समाधान करेंगी।
बीसीआई इन दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए एक समिति का गठन करेंगी।बीसीआई ने देश के सभी सीनियर वकीलों लॉ फॉर्म और कानूनी समुदाय से जुड़े सभी लोगों से जूनियर वकीलों को वितीय और पेशेवर विकास के लिए प्रयास करने का आग्रह किया है।
बता दें कि बीसीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के गत 25 जुलाई,2024 को पारित आदेश के आलोक में जारी किया है।आदेश में जूनियर वकीलों को वित्तीय व पेशेवर विकास के लिए दिशा निर्देश जारी करने के बारे में बीसीआई को निर्देश दिया है।