BIHAR NEWS: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छुपी नहीं है. अक्सर स्वास्थ्य महकमे की ऐसी तस्वीर सामने आते रहती है, जो स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की पोल खोल कर रख देती है. पूरे बिहार भर से स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की तस्वीर लगातार सामने आती रहती है. कागज़ों में जो अस्पताल अच्छा खासा काम कर रहे हैं, उनकी जमीनी हकीकत देखेगें तो आप दांत तले उंगली दबा लेंगे. जिला अस्पताल तो छोड़िए सूबे का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच खुद बीमार है. हालत ये है कि यहां ईको जैसी महत्वपूर्ण मशीन खराब पड़ी हुई है. एक दो नहीं ग्यारह माह से मशीन खराब है मरीज परेशान हैं लेकिन स्वास्थ्य महकमा इसे ठीक करने की जहमत नहीं उठा रहा है. ईको जांच ह्रदय के जांच के लिे खासा महत्वपूर्ण है.
बात दें पीएमसीएच में ईको की जांच निःशुल्क की जाती है. अब मशीन जब 11 महीनों से खराब है तौ जाहिर सी बात है कि मरीजों की परेशानी तो बढ़ेगी हीं. कथित तौर पर मशीनें 10 साल से भी अधिक पुरानी है और 11 महिनें से मरम्मत के लिए पार्टस भी उपलब्ध नहीं है,जिसकी वजह से11 महीनों से ईको जांच मशीन सेवा में नहीं है.ऐसे में हॉर्ट के मरिज़ो का खर्च भी लगातार बढ़ रहा है और लोगों को जांच के लिए 2000 रुपये खर्च करना पड़ रहा है.
पीएमसीएच में हर रोज 30 से 40 लोगों का ईको जांच आसानी से हो जाता था. करीब एक साल से यह जांच नहीं हो रही है, ह्दय रोग के चिकित्सकों का कहना है कि ईको मशीन का विभाग में होना आवश्यक है,क्योकि ईको जांच नहीं होने से कैथ लैब में जो प्रक्रिया मरीजों की करनी होती है, वो प्रभावित हो रही है और बिना ईको जांच के मरीजों का इलाज नहीं हो सकता है.
बता दें कि कैथ लैब की सुविधा राजधानी के सिर्फ चार बड़े अस्पताल,जैसे इंदिरा गांधी हृहय रोग संस्थान,आईजीआईएमएस,पटना एम्स,और पीएमसीएच में उपलब्ध है .वहीं पीएमसीएच में कैथ लैब की सुविधा जनवरी 2023 में बहाल की गई थी.
वहीं अस्पताल प्रशासन ने सफाई देते हुए बताया कि पुरानी मशीन जो खराब हो चुकी है,उसका मरम्मत संभव नहीं है और नये मशीन की कीमत करीब 3लाख से 1 करोड़ है.जिसके लिए बीएमएसआईसीएल को आवेदन दे दिया गया है. पीएमसीएच प्रशासन के अनुसार ईको जांच मशीन जल्दी हीं मिल जाएगी.
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की जब यह दुर्दशा है जहां ह्दय रोग के इलाज के लिए महत्वपूर्ण जांच की सुविधा नहीं है तो अन्य हॉस्पीटल की दशा का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है.
पटना से प्रगति शर्मा की रिपोर्ट