PATNA: बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के शुभारंभ के अवसर पर शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने शपथ ली है। शपथ शिक्षा विभाग के सचिव, बैद्यनाथ यादव के नेतृत्व में ली गई। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह समाज का अभिशाप है। हमें अपने परिवार, पड़ोस और समुदाय में किसी बालिका एवं बालक के बाल विवाह जैसी स्तिथि पैदा ना हो पाए, ऐसा अपने स्तर से सुनिश्चित करना है।
शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने ली शपथ
इसमें हम सभी को अपनी भूमिका अदा करनी है। शपथ के दौरान शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चंद्र झा, सुबोध कुमार चौधरी (निदेशक, प्रशासन), अनील कुमार (निदेशक, जन शिक्षा), डॉ. रविशंकर सिंह, (अपर राज्य परियोजना निदेशक, बी.ई.पी.सी), संजय चौधरी (उप निदेशक, प्राथमिक), अब्दुस सलाम अंसारी (उप निदेशक, माध्यमिक), विनीता (विशेष कार्य पदाधिकारी) एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
बाल विवाह क्या है
किसी लड़की या लड़के की शादी 18 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है। भारत में, बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के मुताबिक, शादी के लिए एक लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए। अगर इससे कम उम्र में लड़के और लड़की की शादी कराई जाती है, तो इसके लिए क़ानून में सज़ा का प्रावधान किया गया है। बाल विवाह लड़कियों और लड़के दोनों पर असर करता है।
पटना से अभिजीत की रिपोर्ट