Bihar News - राजनीति और पोस्टर एक दूसरे के पूरक है। राजनीति हो औऱ पोस्टर न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। इसी कड़ी में बिहार के राजधानी पटना में एक ऐसा पोस्टर लगाया गया है। जो पूरे सूबे में चर्चा का विषय बना हुआ है। पोस्टर में एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ में सेंगोल लिए फोटो है। इसके साथ ही पोस्टर में बिहार में ही एक अलग राज्य की मांग की गई है। इस पोस्टर में देश में राजपूताना राज्य की मांग की गई है।
इसके साथ ही इस राज्य की विशेषताएं बताई गई है। जैसे न्यूनतम आयु लगभग सौ वर्ष होंगे। रसायनिक, मिलावटी खाद्य पदार्थ वर्जित होंगे। गोलियों से मौत का अपराध न के बराबर होंगे। मुकदमें न के बराबर होंगे। राजपूताना राज्य में घरों में ताला नहीं लगाने पड़ेंगे। इस राज्य के परिवारों में कम से कम दो सरकारी नौकरी होंगे। फुटपाथी दुकानदारों व विकलांगों को सरकारी दुकान की जगह होंगे। राज्य 9 उप मुख्यमंत्री होंगे, जिसमें 5 उप मुख्यमंत्री अति-पिछड़ा से और 4 पिछड़ा एवं दलित से होंगे। इस राज्य की राजधानी का नाम 'न्याय नगरी' कहलायेगा। इस राज्य में सबसे बड़ा धर्म मानव सेवा होगा। राज्य में समान शिक्षा, समान स्वास्थ्य व्यवस्था लागू होगा। राज्य सामाजिक समरसता के लिए देश में मिशाल बनेंगे।
इस पोस्टर में राजपूताना राज्य के लिए बिहार के कुछ जिलें भी चिन्हिंत किए गए वो जिले रोहतास, औरंगाबाद, सारण वैशाली, समस्तीपुर और सहरसा हैं। ऐसा कहा जाता है कि बिहार के इन जिलों में क्षत्रिय समाज के लोग बहुलता में है। पटना के सड़को पर राजपूताना राज्य की मांग करने वाले संगठन का नाम अखिल भारतीय़ राजपूताना संघर्ष समिति है। इस संगठन के संस्थापक अध्यक्ष सिद्धार्थ क्षत्रिय है।
पटना से रितिक की रिपोर्ट