Bihar news Naxalite area: बिहार में नक्सलियों का प्रभाव लगातार घटता जा रहा है। उत्तर बिहार के नक्सल मुक्त होने के बाद अब दक्षिण बिहार को नक्सल मुक्त बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके तहत नए सुरक्षा कैंप्स और मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं ताकि इन क्षेत्रों की सुरक्षा और संचार को और अधिक मजबूती प्रदान की जा सके।
बिहार को नक्सल मुक्त बनाने के अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत झारखंड सीमा पर 11 नए सुरक्षा कैंप्स स्थापित किए जाएंगे। इन कैंप्स का उद्देश्य नक्सलियों की गतिविधियों पर निगरानी रखना और असामाजिक तत्वों को हतोत्साहित करना है।
सरकार ने इन इलाकों को चिह्नित किया है, जहां नक्सल गतिविधियों का खतरा अधिक है। यह योजना सुनिश्चित करती है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
सुरक्षा कैंप्स की रणनीति और महत्व
इन कैंप्स का निर्माण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की स्थायी सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। सुरक्षा बलों की तैनाती से नक्सलियों की गतिविधियों पर नियंत्रण और प्रभावी नजर रखी जा सकेगी। इन कैंप्स के माध्यम से कानून-व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद मिलेगी, जिससे ग्रामीणों का भरोसा बढ़ेगा और विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी।
नक्सलियों के खिलाफ संचार के साधनों का सुदृढ़ीकरण
दूरस्थ क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ-साथ संचार की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना आवश्यक है। इस कारण सरकार ने झारखंड की सीमा से सटे 55 स्थलों को चिन्हित किया है, जहां मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। इन मोबाइल टावरों के जरिए सुरक्षा बलों और स्थानीय निवासियों के बीच बेहतर संचार स्थापित होगा, जो नक्सल गतिविधियों पर निगरानी रखने में सहायक होगा।
फोर-जी अपग्रेडेशन से संचार को मिलेगी और मजबूती
संचार प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार फोर-जी अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट भी चला रही है। इस परियोजना के तहत 250 चिह्नित साइट्स पर फोर-जी नेटवर्क स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में तेज और सटीक संचार संभव हो सकेगा। संचार साधनों का विकास सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करेगा।
नक्सलियों के खिलाफ आसूचना संकलन
नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए केवल सैन्य बल का उपयोग ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि आसूचना प्रणाली को भी सशक्त बनाना आवश्यक है। इस उद्देश्य से विशेष कार्य बल (एसटीएफ) में विशेष आसूचना शाखा (एसआइबी) का गठन किया गया है। इसके अंतर्गत स्पेशल इंटेलिजेंस ग्रुप (एसआइजी) और एसटीएफ की तकनीकी एवं एनालिसिस विंग (एस-टा) को शामिल किया गया है, जो नक्सलियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेंगे और आवश्यक जानकारी संकलित करेंगे।
उन्नत प्रशिक्षण से आसूचना में मजबूती
नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए एसटीएफ और अन्य आसूचना इकाइयों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इससे इन इकाइयों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण में सफलता मिलेगी।
सबसे अधिक नक्सली प्रभाव वाले क्षेत्र
वर्तमान में औरंगाबाद क्षेत्र और जमुई-लखीसराय-मुंगेर इलाकों में नक्सली प्रभाव सबसे अधिक है। इन इलाकों में सुरक्षा कैंप्स के साथ-साथ अन्य विकास परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में शांति स्थापित हो सके। सरकार इन इलाकों में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है।